उच्चतम न्यायालय (SC) ने सहारा प्रमुख को एक बार फिर झटका दिया है।
न्यायालय ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय (Subrata Roy) की जमानत याचिका खारिज कर दी है। न्यायालय ने सहारा प्रमुख पर लगे वित्तीय अनियमित्ताओं के आरोप और निवेशकों के पैसे की वसूली के लिए उन्हें हिरासत में रखने को जरूरी बताया।
सुब्रत राय को निवेशकों के लगभग 20,000 करोड़ रुपए लौटाने हैं। इससे पहले सहारा समूह ने यह पेशकश की थी सुब्रत रॉय की रिहाई पर एक साल के भीतर पाँच किश्तों में पैसा सेबी के पास जमा करा दिया जायेगा। सुब्रत रॉय 4 मार्च 2014 से जेल में हैं।
गौरतलब है कि साल 2008-09 में सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल इस्टेट कॉर्प (Sahara India Real Estate Corp) और सहारा इंडिया हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प (Sahara India Housing Investment Corp) ने ऑप्शनली फुली कंवर्टिबल डिबेंचर्स (OFCD) के जरिये निवेशकों से पैसे जुटाये थे। (शेयर मंथन, 06 मई 2014)