इन्फोसिस (Infosys) में विशाल सिक्का (Vishal Sikka) की नियुक्ति सकारात्मक कदम : प्रभुदास लीलाधर (Prabhudas Liladher)

ब्रोकिंग फर्म प्रभुदास लीलाधर (Prabhudas Liladher) ने इन्फोसिस (Infosys) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) के रूप में डॉ. विशाल सिक्का (Vishal Sikka) की नियुक्ति को सकारात्मक कदम बताया है।

प्रभुदास लीलाधर के मुताबिक डॉ. विशाल सिक्का की नियुक्ति से बाजार में फैली सभी अटकलों पर विराम लग गया है। ब्रोकिंग फर्म ने इसे इन्फोसिस के हित में एक सकारात्मक कदम मानते हुए कंपनी की "खरीद" रेटिंग बरकरार रखी है। डॉ. सिक्का प्रौद्योगिकी उद्योग में एक प्रसिद्ध शख्सीयत हैं। दुनिया भर की कई कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से डॉ. सिक्का के अच्छे संबंध हैं। डॉ. सिक्का के इन्फोसिस से जुड़ने से पहले के संबंध कंपनी के विकास को अगले स्तर पर ले जाने के लिए फायदेमंद होंगे। 

ग्राहक "स्वामित्व की कुल लागत" को कम करने के लिए आईटी सेवाओं पर अधिक केंद्रित हो गये हैं। प्रौद्योगिकी के संगम ने पहले ही सॉफ्टवेयर और सेवाओं के बीच अंतर को धुंधला कर दिया है। इसलिए ब्रोकिंग फर्म का विश्वास है कि सॉफ्टवेयर उत्पादों और आईटी सेवाओं की बिक्री में कोई खास अंतर नहीं है।

प्रभुदास लीलाधर का मानना है कि नारायणमूर्ति ने उम्मीद से पहले ही कार्यकारी चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया है। हालाँकि चेयरमैन एमिरेटस के रूप में वे कंपनी को अपना योग्य दिशानिर्देश देना जारी रखेंगे। गैर कार्यकारी अधिकारी के रूप में नारायणमूर्ति की उपस्थिति कंपनी के लिए सकारात्मक होगी। इन्फोसिस का ध्यान "उत्पाद, प्लेटफॉर्म और सॉल्युशन" पर है लेकिन खराब कारोबारी चक्र की वजह से कंसल्टिंग सेवाएँ सकारात्मक नतीजें लाने में विफल रही है। कंपनी ने बिजनेस आईटी पर अपना ध्यान देना दोबारा शुरू किया है। उन्हें उम्मीद है कि डॉ. सिक्का के नेतृत्व में कंपनी बिजनेस आईटी के सही उपयोग से इन्फोसिस 3.0 पर अपना ध्यान देना दोबारा शुरू कर सकेगी। 

प्रभुदास लीलाधर ने 3,920 रुपये के लक्ष्य भाव के साथ इन्फोसिस की "खरीद" रेटिंग को बनाये रखा है। ब्रोकिंग फर्म के मुताबिक निकट अवधि की अनिश्चितताओं को स्पष्ट करने के लिए यह एक सकारात्मक कदम है। इन्फोसिस ने डॉ. सिक्का की नियुक्ति से एक अलग तरह का कदम उठाया है। हालाँकि वरिष्ठ प्रबंधन स्तर पर कई अधिकारियों के कंपनी छोड़ने की संभावना है। इससे मौजूदा मूल्यांकन की वजह से नीचे ज्यादा गिरावट का जोखिम नहीं होगा। (शेयर मंथन, 13 जून 2014)