रेल बजट (Rail Budget) संसद में पेश

रेल मंत्री डी.वी सदानंद गौड़ा (D.V Sadananda Gowda) ने आज संसद में कारोबारी साल 2014-15 का रेल बजट पेश किया।

रेल मंत्री ने मोदी सरकार का पहला रेल बजट पेश करते हुए यात्री और मालभाड़े किराये में बढ़ोतरी नहीं करने का ऐलान किया। रेल बजट पेश करते हुए उन्होंने भारतीय रेल को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी बताते हुए इसके समक्ष कठिन चुनौतियों की बात कही।उन्होंने भारतीय रेल को विश्वस्तरीय बनाने और विश्व का सबसे बड़ा फ्रेट कैरियर बनाने का लक्ष्य रखा। भारतीय रेलवे में रोजाना 2.3 करोड़ यात्रियों के यात्रा करने के बावजूद भारतीय रेलवे की हालत खस्ता है। रेलवे की 5 लाख करोड़ रुपये की योजनाएँ लंबित पड़ी है। रेल मंत्री ने कहा कि पिछले 30 सालों से चल रही 4 परियोजनाएँ अब तक पूरी नहीं हो पायी है। इसलिए सभी अधूरी परियोजनाओं को पूरा करना उनकी प्राथमिकता होगी। इस दिशा में रेलवे 11,800 करोड़ रुपये उधार लेगी। रेलवे 349 अधूरी परियोजनाएँ पूरी करेगा। 

रेल बजट की प्रमुख बातें :-

6 एसी, 27 एक्सप्रेस, 8 यात्री ट्रेनें, 2 एमईएमयू और 5 डीईएमयू ट्रेनें चलेंगी।

5 जनसाधारण ट्रेन और 5 प्रीमियम ट्रेनें चलेंगी।

अगले दो सालों में मुंबई को 864 नयी ईएमयू ट्रेनें।

11 ट्रेनों के फेरे बढ़ाये जायेंगे।

हाई स्पीड ट्रेनें चलाना प्राथमिकता।

9 रूटों पर हाईस्पीड ट्रेनें चलायी जायेंगी।

मुंबई-अहमदाबाद के लिए बुलेट ट्रेन का प्रस्ताव।

एक बुलेट ट्रेन के लिए 60 हजार करोड़ रुपये की जरूरत।

दिल्ली से चंडीगढ़ के बीच हाईस्पीड ट्रेन।

चेन्नई से हैदराबाद के बीच हाईस्पीड ट्रेन।

दिल्ली-पठानकोट के बीच हाईस्पीड ट्रेन।

कानपुर-नागपुर, दिल्ली-कानपुर, नयी दिल्ली-आगरा, मैसूर-बैंगलुरु और चेन्नई-हैदराबाद और नागपुर-सिकंदराबाद के बीच चलेंगी हाईस्पीड ट्रेनें।

नयी रेलवे लाइन बिछाने की योजना।

रेलवे दस साल में नयी पटरियों पर 41,000 करोड़ रुपये खर्च करेगा।

भारतीय रेलगाड़ियों की रफ्तार 200 किलोमीटर तक बढ़ाने की कोशिश।

रेलेव इन्फ्रा के विकास के लिए पीएसयू म़ॉडल पर जोर।

पीपीपी मॉडल के जरिये नयी परियोजनाओं को वित्तीय मदद।

पीपीपी के जरिये रेलवे से जुड़ेगे पोर्ट।

पीपीपी मॉडल से कुछ स्टेशनों को अंतरराष्ट्रीय मानक का बनाया जायेगा।

रेलवे में निवेश बढ़ाने पर जोर।

नये किराये वृद्धि से रेलवे को 8 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा।

यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाएँ बढ़ायी जायेंगी।

हर बड़े स्टेशन पर बैटरी से चलने वाली टैक्सी होगी। 

रेलवे फूड कोर्टस बनाये जायेंगे।

सीसीटी के जरिये सभी रेलवे स्टेशनों की देख-रेख।

स्टेशनों पर आर ओ ड्रिंकिंग (RO) वाटर इकाई लगायी जायेगी।

सभी ट्रेनों में स्वचालित दरवाजें लगेंगे।

रेलवे की सुरक्षा और सफाई पर अधिक खर्च किया जायेगा।

जैविक (बायोटॉयलेट) की संख्या में इजाफा होगा।

पर्यटन स्थलों के लिए विशेष पैकेज वाली ट्रेने चलेंगी।

टिकट वेंडिग मशीनें लगायी जायेंगी।

प्लेटफॉर्म टिकट और सामान्य टिकट भी इंटरनेट से बुक हो सकेंगी।

रेलवे विश्वविद्यालय खोलने की योजना।

इंजीनियरिंग और प्रबंधन छात्रों को रेलवे में ग्रीष्मकालीन (समर) इंटर्नशिप मिलेगी।

रेलवे में एफडीआई के लिए कैबिनेट से मंजूरी माँगी।

रेलवे की संपत्ति का डिजिटाइजेशन होगा।

अगले पाँच साल में दफ्तरों को पेपरलेस करने का लक्ष्य।

ए1 स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा।

स्टेशनों पर डिजिटल चार्टस लगाये जायेंगे।

मोबाइल पर मिलेगी हर ट्रेन की जानकारी।

ईमेल और एसएमएस के जरिये दिये जायेंगे ट्रेनों में खाने के ऑर्डर।

मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग खत्म होगी।

साफ-सफाई के लिए बजट में 40% ज्यादा वृद्धि।

प्रतिष्ठित ब्रांडों का "रेडी टू ईट" खाना उपलब्ध कराया जायेगा।

विकलांगों के लिए सभी महत्वपूर्णँ स्टेशनों पर बैटरी चालित कार।

1.64 लाख करोड़ कुल आमदनी का अनुमान।

4,000 महिला आरपीएफ कर्मचारियों की भर्ती।

स्टेशनों की छतों पर सौर पैनल लगाये जायेंगे।

समय समय पर किरायें में बढ़ोतरी होगी।

डायमंड क्वाड्रिलेटरल के लिए 100 करोड़ रुपये का ऐलान।

उत्तर-पूर्व क्षेत्रों में 23 परियोजनाओं के लिए 5,100 करोड़ रुपये।

रेल नेटवर्क से जुड़ेंगे चारों धाम।

केदारनाथ-बद्रीनाथ ट्रेन के लिए सर्वे का प्रस्ताव।

 (शेयर मंथन, 08 जुलाई 2014)