रद्द कोयला ब्लॉकों (Coal Blocks) के लिए केंद्र सरकार का अध्यादेश

केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय की ओर से रद्द किये गये 214 कोयला ब्लॉकों में खानों की भूमि और संयंत्रों का अधिग्रहण करने के लिए एक अध्यादेश लाने का फैसला किया है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस अध्यादेश पर मुहर लगा दी है। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद इस बारे में हुए फैसलों की जानकारी वित्त मंत्री अरुण जेटली और कोयला एवं ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने दी। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में इन कोयला ब्लॉकों की फिर से नीलामी का आदेश दिया था। केंद्र सरकार खानों की भूमि का अधिग्रहण करने के बाद इन ब्लॉकों की नीलामी करेगी, क्योंकि खानों की भूमि के स्वामित्व का बैनामा (टाइटल डीड) उन कंपनियों के पास है जिन्हें ये ब्लॉक आवंटित किये गये थे। 

केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन ब्लॉकों की नीलामी अगले 3-4 महीनों में पूरी हो जायेगी। यह नीलामी इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होगी। इस ई-नीलामी से हासिल होने वाली राशि संबंधित राज्य सरकारों को मिलेगी। 

अटकलें यह भी लगायी जा रही थीं कि सरकार कोयला खानों के राष्ट्रीयकरण की नीति भी पलट देगी, हालाँकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस बारे में 1973 का कानून बरकरार रहेगा। लेकिन यह कहा गया है कि नीलामी में सफल रहने वाली कंपनियाँ कोयले को खुले बाजार में भी बेच सकेंगी। (शेयर मंथन, 20 अक्टूबर 2014)