अभीक बरुआ का बजट पूर्वानुमान

एचडीएफसी बैंक वर्ष 2015-16 के लिए सरकार के राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.9% तक रखने के लक्ष्य में सीमित जोखिम देखता है। आम बजट का पूर्वावलोकन करते हुए बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा है कि उत्पाद और सीमा शुल्क संग्रह प्रत्यक्ष करों में कमी की भरपाई की जरूरत से ज्यादा रहने की संभावना है।

रिजर्व बैंक और सार्वजनिक उपक्रमों की ओर से उच्च लाभांश भुगतान आने से अतिरिक्त मदद मिलने की संभावना भी है।
श्री बरुआ के मुताबिक वित्त वर्ष 2016-17 के आम बजट में चार बातों पर मुख्य जोर रहने की संभावना है : (अ) सार्वजनिक पूँजीगत व्यय को बढ़ाना, (ब) सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, (स) ग्रामीण माँग में सुधार लाना और (द) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए कोष उपलब्ध कराना।
श्री बरुआ ने कहा कि आगे बहुआयामी चुनौतियाँ होने के बावजूद वे उम्मीद करते हैं कि सरकार 2016-17 के लिए राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.5% पर रखने के अपने लक्ष्य पर दृढ़ रहेगी। सरकारर के दीर्घावधि राजकोषीय मजबूती के प्रयासों से भटकने की गुँजाइश बहुत कम नजर आती है। सरकार खुद को ज्यादा वित्तीय मोहलत देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों की वेतन वृद्धि टुकड़ों में कर सकती है। बैंक का मानना है कि जीएसटी दरों के क्रम में सेवा कर दरों में वृद्धि की अत्यधिक संभावना है। बैंक को उम्मीद है कि सरकार हानिप्रद सार्वजनिक इकाइयों की बिक्री पर सलाह देने के लिए विनिवेश आयोग की स्थापना की घोषणा करेगी। (शेयर मंथन, 23 फरवरी, 2016)