मूडीज (Moody's) ने 13 साल बाद बढ़ायी भारत की रेटिंग

अमेरिका स्थित रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody's) ने 13 साल के लंबे इंतजार के बाद भारत की सार्वभौम ऋण रेटिंग (India sovereign credit rating) को बढ़ाया है।

इसने पिछली बार साल 2004 में भारत की रेटिंग बढ़ा कर बीएए3 की थी, जिसे अब सुधार कर बीएए2 कर दिया गया है। बीएए3 रेटिंग निवेश योग्य रेटिंग में सबसे निचले पायदान की रेटिंग है और इससे एक पायदान नीचे जाते ही 'बेकार' (जंक) रेटिंग है। मूडीज ने भारत की रेटिंग में यह सुधार करते हुए उम्मीद जतायी है कि देश में आर्थिक और संस्थागत सुधारों (reforms) के जारी रहने से समय के साथ भारत की उच्च विकास की संभावनाएँ बढ़ेंगी।
मूडीज का कहना है कि भारत इस समय आर्थिक और संस्थागत सुधारों के एक व्यापक कार्यक्रम के मध्य में है। ये सुधार देश में टिकाऊ रूप से विकास की संभावनाओं को बढ़ायेंगे। इस वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी को यह भी आशा है कि इन सुधारों से मध्यम अवधि में सामान्यतः भारत के ऋण बोझ में कमी आयेगी। मूडीज का कहना है कि सुधारों की वजह से भारत के ऋण में तेज वृद्धि का जोखिम कम हुआ है। यह जोखिम खराब संभावनाओं की स्थिति में भी कम हुआ है। हालाँकि इसने सावधान किया है कि ऊँचा ऋण बोझ देश के ऋण प्रोफाइल के लिए एक बाधा बना हुआ है।
इससे पहले साल 2015 में मूडीज ने भारत की रेटिंग के प्रति नजरिया (आउटलुक) सुधार कर 'स्थिर' से 'सकारात्मक' किया था। अब मूडीज ने स्थानीय और विदेशी मुद्रा ऋण के लिए भारत सरकार को बीएए2 रेटिंग देने के साथ स्थिर नजरिया बताया है। (शेयर मंथन, 17 नवंबर 2017)