गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों द्वारा जुटायी पूँजी में 83% की भारी गिरावट

वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय कंपनियों द्वारा गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों (Non-Convertible Debentures) के माध्यम से जुटायी गयी पूँजी में 83% की गिरावट आयी।

कंपनियों ने वित्त वर्ष 2016-17 में 29,558 करोड़ रुपये के मुकाबले 2017-18 में 4,975 करोड़ रुपये ही गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों के जरिये जुटाये। वॉल्युम में देखें तो 2017-18 में 7 गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर इश्यू रहे, जबकि 2016-17 में यह संख्या 16 थी। जानकारों का मानना है कि इस साल कंपनियों ने आईपीओ (IPO) और क्यूआईपी (QIP) इश्यू को ज्यादा तरजीह दी, जिसके कारण गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों से कम रकम प्राप्त की गयी।
कंपनियों ने यह धन अपनी विस्तार योजनाओं, रिटायरिंग ऋण, कार्यशील पूँजी की जरूरतों को पूरा करने और अन्य सामान्य कारोबारी उद्देश्यों के लिए प्राप्त किया। बता दें कि गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर ऋण-संबंधित बॉन्ड होते हैं, जिन्हें इक्विटी में नहीं बदला जा सकता। आम तौर पर गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों पर परिवर्तनीय डिबेंचरों की तुलना में अधिक ब्याज दर होती है। (शेयर मंथन, 04 अप्रैल 2018)