मानसून के स्थिति बेहतर होने के कारण चने की बुआई क्षेत्र में वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष के 68.15 लाख हैक्टेयर क्षेत्र की तुलना में इस वर्ष 30 जुलाई तक करीब 82.44 लाख हैक्टेयर भूमि पर खरीफ सीजन की दलहनीय फसल की बुआई हो चुकी है। साथ ही सरकार द्वारा घरेलू जरूरतों की पूर्ती हेतु दालों की आयात में भी बढ़ोत्तरी की गयी है। रेलिगेयर के मुताबिक चने की कीमतों में अल्पावधि के दौरान घटबढ़ बनी रहेगी लेकिन कमजोर स्टॉक और उत्पादन में गिरावट से मध्यावधि के दौरान समर्थन मिलने की संभावना है।
एनसीडीईएक्स में सितंबर वायदा के लिए इसका बंद भाव 4552 रुपये था। रेलिगेयर के मुताबिक आज इसे 4514 और फिर 4472 पर सहारा मिलने की उम्मीद रहेगी। आज इसके लिए 4590 रुपये और 4612 रुपये पर बाधा है। (शेयर मंथन, 5 अगस्त 2015)