हल्दी और जीरे में सुस्ती, धनिया में गिरावट के संकेत - एसएमसी

हल्दी वायदा (जून) की कीमतें 7,000-7,165 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
इरोद टर्मरिक मर्चेन्ट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में फिंगर वेरायटी की कीमतें 5,889-8,429 रुपये और रूट वेरायटी की कीमतें 5,255-7,699 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी हैं। निचले स्तर पर खरीदारी और उत्पादन में कमी की खबरों से हल्दी की कीमतों को मदद मिल सकती है। इसके अतिरिक्त कम आवक के कारण हाजिर बाजारों में हल्दी की कीमतों में बढ़त दर्ज की जा सकती है। इस वर्ष भारत में लगभग 60-62 लाख बैग हल्दी उत्पादन का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष का पुराना स्टॉक लगभग 20-22 लाख बैग हो सकता है। इस प्रकार मौजूदा सीजन में कुल आपूर्ति लगभग 80-82 लाख बैग होने की संभावना है, जबकि कुल घरेलू और निर्यात माँग लगभग 72-75 लाख बैग हो सकता है। इस प्रकार 2019 के लिए कुल लगभग 7-10 लाख बैग हल्दी शेष बच सकती है। जीरा वायदा (जून) कीमतों के 15,900-16,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में सीमित आपूर्ति के कारण फिलहाल जीरे की कीमतों में स्थिरता है। आगामी दिनो में निर्यात माँग में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है क्योंकि सीरिया में लगातार तनाव और बारिश के कारण विश्व बाजार में आपूर्ति कम हो सकती है और भारत से माँग में बढ़ोतरी हो सकती है। धनिया वायदा (जून) की कीमतों में 4,000-3,900 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती है। अधिक आयात के कारण बाजारों में पर्याप्त उपलब्धता के कारण आगामी दिनों में कीमतों में गिरावट हो सकती है। (शेयर मंथन, 04 जून 2018)