हल्दी पर रह सकता है दबाव, जीरे में बढ़त की उम्मीद - एसएमसी

हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के 6,350-6,450 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है और हाजिर बाजारों से कमजोर रुझानों के कारण कीमतों पर दबाव रह सकता है।

वर्ततान समय में नयी फसल की आवक कम हो गयी हैं। इरोद टर्मरिक मर्चेन्ट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में फिंगर वेरायटी की कीमतें 5,888-7,409 रुपये प्रति क्विंटल हैं और रूट वेरायटी की कीमतें 5,656-6,986 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में हैं। रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में फिंगर वेरायटी की कीमतें 5,866-7,156 रुपये प्रति क्विंटल हैं और रूट वेरायटी की कीमतें 5,650-6,986 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में हैं।
मौजूदा सीजन में अधिक उपलब्धता के बावजूद अधिक निर्यात माँग के कारण जीरा वायदा (मई) की कीमतों में 17,100-17,150 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है।
इलायची वायदा (मई) की कीमतों में मजबूती का यह रुझान 2,400-2,450 रुपये तक जारी रह सकता है। इस वर्ष उत्पादन कम होने और 2019-20 में भी उत्पादन में कमी के कारण कीमतों को मदद मिल रही है। पिछले कुछ महीने से प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में लगातार सूखे मौसम के कारण मौजूदा सीजन के 15,000 टन की तुलना में 2019-20 में 10,000-12,000 टन उत्पादन होने का अनुमान है, जो 2017-18 के 20,000 टन की तुलना में 25% कम है। नयी फसल के बाजारों में जून-जुलाई तक आने की संभावना है।
हाजिर बाजारों में मजबूत सेंटीमेंट के कारण धनिया वायदा (मई) की कीमतों के 7,050-7,250 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। आगामी दिनों में भी घरेलू और निर्यात माँग के काफी कम होने के कारण धनिया की कीमतों के इसी दायरे में सीमित दायरे में रहने की संभावना है। (शेयर मंथन, 09 मई 2019)