हल्दी और जीरे में गिरावट की संभावना - एसएमसी

हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों में 6,670-6,635 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।

तेलंगाना में हल्दी की बुआई लगभग 87% क्षेत्रों में पूरी हो चुकी है। तेलंगाना कृषि मंत्रालय के अनुसार 25 जून तक 48,673 हेक्टेयर के लक्ष्य के मुकाबले 42,466 हेक्टेयर पर हल्दी की बुआई हुई है। प्रमुख हाजिर बाजारों में हाजिर कीमतों में गिरावट शुरू हो गयी है। तेलंगाना के बेंचमार्क बाजार निजामाबाद में फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमत 6,500 रुपये प्रति क्विंटल और बल्ब वेराइटी की हल्दी की कीमत 6,400 रुपये प्रति क्विंटल हैं।
जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतों में 17,850-17,500 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। विदेशी और घरेलू माँग में सुस्ती के कारण हाजिर कीमतों में मजबूती नहीं दिख रही है। बाजारों में धीमी आवक के बावजूद प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बारिश के कारण मसाले में अधिक नमी के कारण नयी खरीदारी बाधित हुई है।
धनिया वायदा (अगस्त) की कीमतों को 6,635 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकती है। विदेशी बाजारों से अधिक आयात की खबरों के कारण कीमतों में तेज गिरावट हुई है। शॉर्ट कवरिंग (जवाबी खरीद) पर रोक लग सकती है।
इलायची वायदा (अगस्त) की कीमतें 3,700-3,800 रुपये के स्तर तक उछाल दर्ज करने के लिए तैयार हैं। मौजूदा सीजन में इलायची की भारी कमी के कारण तमिलनाडु के बोडिनायकनूर के नीलामी केन्द्र पर औसत कीमते 3,991.19 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुँच गयी हैं। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वंदमेदू में औसत कीमतें 4,225 रुपये किलो ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गयी हैं। किसान रिकॉर्ड-उच्च कीमतों का लाभ उठाने के लिए परिपक्व होने से पहले ही इलायची तोड़ रहे हैं। घरेलू बाजार में इलायची की भारी कमी के कारण सितंबर-अक्टूबर में दोगुनी आवक होने के बावजूद लंबी अवधि में कीमतों में गिरावट होने की संभावना नहीं है। (शेयर मंथन, 31 जुलाई 2019)