लुढ़क सकती हैं हल्दी के दाम, जीरे के लिए है बाधा - एसएमसी

हल्दी वायदा (नवंबर) की कीमतें 5,750-5,700 रुपये तक लुढ़क सकती हैं।

हाजिर बाजारों में दोनों वेराइटी की हल्दी की कीमतों में गिरावट हुई है। रेगुलेटेड मार्केट समिति, इरोड हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड और इरोड कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में फिंगर वोराइटी की कीमतों में क्रमशः 900 रुपये प्रति क्विंटल 400 रुपये प्रति क्विंटल और 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है। इसी प्रकार इरोड हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड और इरोड कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में फिंगर वोराइटी की कीमतों में क्रमशः 300 रुपये प्रति और 200 रुपये प्रित क्विंटल की गिरावट हुई है। इरोड हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में फिंगर वेराइटी की कीमतें
5,500-6,889 रुपये और रूट वेराइटी की कीमतें 5,109-6,014 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में बिक रही हैं।
जीरा वायदा (नवंबर) की कीमतों को 16,515 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है। इसका कारण कमजोर खरीदारी है और आपूर्ति में वृद्धि की संभावना है, क्योंकि इस सीजन में बुवाई बेहतर रहने की उम्मीद है। यह दिवाली के बाद शुरू होने की संभावना है। पानी की उपलब्धता के कारण 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में उत्पादन क्षेत्रों में 10-20% की वृद्धि होने की उम्मीद से भी कीमतों में नरमी का सेंटीमेंट है। जीरा को कम पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन जैसे-जैसे बारिश जारी रहती है, बुवाई अगले सप्ताह तक शुरू हो जानी चाहिए। इस साल अच्छी बारिश होने से उत्पादन बढ़ने की संभावना है।
धनिया वायदा (नवंबर) की कीमतों के 5,980-6,100 के दायरे में स्थिर कारोबार करने की संभावना है। आगामी सीजन में धनिया का उत्पादन अधिक हो सकता है, क्योंकि प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मॉनसून काफी अच्छा रहा है। इसकी बुवाई नवंबर में होने की उम्मीद है और इसलिए अभी भी समय है। फिर भी यदि बुवाई क्षेत्रों में बढ़ोतरी होती है तो कीमतों में गिरावट सीमित होगी क्योंकि वर्तमान स्टॉक कम हो गया है। (शेयर मंथन, 15 अक्टूबर 2019)