हल्दी की कीमतें दो साल के निचले स्तर पर, जीरे में गिरावट की संभावना - एसएमसी

2019-20 (जुलाई-जून) में अधिक उत्पादन के अनुमान के कारण हल्दी वायदा (नवंबर) की कीमतें अपने दो साल के निचले स्तर 5,710 रुपये प्रति 100 रुपये किलोग्राम के आस-पास कारोबार कर रही हैं।

इस काउंटर में यदि कीमतें 5,700 रुपये से नीचे टूटती हैं, तो 5,500 रुपये के स्तर तक गिरावट जारी रहने की संभावना है। पिछले कुछ दिनों में हल्दी की बिक्री बढ़ी है, लेकिन उत्साहजनक नहीं है। वर्तमान में केवल मध्यम और खराब गुणवत्ता वाली हल्दी बिक्री के लिए आ रही है, इसलिए कारोबारी औसतन 60-70% हल्दी की खरीदारी कर रहे हैं। इरोद हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में फिंगर वेराइटी की कीमतें 5,605-7,074 रुपये और रूट वेराइटी की कीमतें 5,099-6,269 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में रहीं, जबकि इरोद कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में फिंगर वेराइटी की कीमतें 5,959-7,009 रुपये और रूट वेराइटी की कीमतें 5,699-6,459 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में रहीं।
जीरा वायदा (नवंबर) की कीमतों में तिमाही स्तर पर एक नये निचले स्तर पर पहुँच सकती है और यदि कीमतें 16,200 रुपये से नीचे कारोबार करती हैं, तो 16,000 रुपये तक गिरावट हो सकती है। वर्तमान समय में निर्यात माँग लगभग शून्य है और आगामी सीजन में उत्पादन भी बढ़ने की उम्मीद है। लंबे समय तक मॉनसून के कारण, कारोबारियों को सर्दियों के अच्छे होने की उम्मीद है जो उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगा। छिटपुट स्थानीय खरीदारी के कारण ही केवल हाजिर बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।
धनिया वायदा (नवंबर) कीमतें यदि 6,200 रुपये के बाधा स्तर को पार करती है तो 6,280-6,350 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। मौजूदा कम कीमतों पर माँग में बढ़ोतरी के कारण राजस्थान के रामगंज और बारन बाजारों में धनिया को अधिक कीमतें मिल रही हैं। जबकि राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के अन्य प्रमुख बाजारों में कीमतें स्थिर हैं। कारोबारियों के अनुसार दिवाली के लिए माँग बढ़ रही है और आवक अभी भी कम हो रही है। (शेयर मंथन, 22 अक्टूबर 2019)