जीरे में अड़चन, हल्दी की कीमतों में निचले स्तर पर कारोबार करने की संभावना - एसएमसी

हल्दी वायदा (सितम्बर) की कीमतों में 6,000 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,700 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।

वर्तमान परिदृश्य में, हाजिर बाजारों में हो रही आवक की गुणवत्ता में गिरावट के कारण माँग उत्साह जनक नहीं है। परिणामस्वरूप बिक्री घटकर 60 प्रतिशत रह गयी है क्योंकि बिक्री के लिए केवल मध्यम गुणवत्ता वाली हल्दी ही आ रही है। इसके अलावा, कारोबारियों के पास केवल स्थानीय माँग है, और घरेलू माँग की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अधिकांश किसान अपने कृषि कार्यों में व्यस्त हैं। इसलिए फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमतों में 100-150 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की हल्दी की कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है। इरोड हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन की बिक्री यार्ड में, फिंगर वेराइटी की हल्दी 5,399-6,369 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की हल्दी 4,899-5,589 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में बेची गयी है। इरोड कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में, फिंगर वेराइटी की हल्दी 5,199-6,599 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की हल्दी 5,099-5,700 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में बेची गयी है।
जीरा वायदा (सितम्बर) की कीमतों के 1,3900-1,4060 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। आने वाले दिनों में, कीमतों में गिरावट सीमित रह सकती है क्योंकि बाजार के कारोबारियों को अगस्त के मध्य के बाद माँग बढ़ने की उम्मीद है। प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण आवक भी कम है। हाजिर बाजारों में रफ जीरा की कीमत 1,945-2,220 रुपये और एनसीडीईएक्स किस्म की कीमत 2,320-2,505 रुपये प्रति 20 किलोग्राम रही है। सबसे अच्छी गुणवत्ता वाले जीरे की कीमत 2,520-2,620 रुपये प्रति 20 किलोग्राम रही है।
धनिया वायदा (सितम्बर) की कीमतें 6,775-6,825 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। अधिकतम आवक के सीजन के समाप्त होने के दौरान में आवक में कमी के मुकाबले माँग में वृद्धि के कारण कीमतों को मदद मिल रही है। (शेयर मंथन, 11 अगस्त 2020)