जीरा में बाधा और हल्दी में मंदी के संकेत - एसएमसी

हल्दी वायदा की कीमतें पिछले सप्ताह के दौरान दर्ज बढ़त को बनाये रखने में सक्षम नहीं हो सकती है क्योंकि माँग की तस्वीर इतनी मजबूत नहीं है कि यह कीमतों में आगे भी इजाफा कर सके।

सितंबर कॉन्टैंक्ट की कीमतों को 6,200 रुपये के करीब बाधा का सामना करना पड़ सकता है और उच्च स्तर से मुनाफा वसूली के कारण कीमतों में 6,050 रुपये तक गिरावट हो सकती है। हाजिर बाजारों में हल्दी की कीमत में गिरावट हुई है। सोमवार को हल्दी बाजारों के पहले दिन, आवक कम हुई और बिक्री के लिए मध्यम गुणवत्ता वाली आवक हुई। हल्दी की केवल 950 बैग की आवक हुई और औसतन 65 प्रतिशत स्टॉक व्यापारियों द्वारा अपनी स्थानीय माँग के लिए खरीदे गये। कारोबारियों को आज से आवक में वृद्धि की उम्मीद है क्योंकि राज्य सरकार ने बस सेवाओं को फिर से शुरू करने और ई-पास प्रणाली को खत्म करने का फैसला किया है। इरोड हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन की बिक्री यार्ड में, फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमत 5,000-6,159 प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की 4,,859-5,561 रुपये के दायरे में रही।
जीरा वायदा (सितम्बर) की कीमतें 14,300 रुपये के पास रुकावट के साथ 14,100 रुपये तक लुढ़क सकती है। कमजोर माँग के कारण गुजरात के ऊंझा मंडी में जीरा की कीमतों में 40-50 रुपये प्रति 20 किलोग्राम की गिरावट हुई है। इस बीच राजकोट की मंडी में महज 200 बोरी की आवक हुई और सिंगापुर की किस्म 15 रुपये की तेजी के साथ 2,439-2,505 रुपये और यूरोप किस्म की कीमतों 2,555-2,615 रुपये प्रति 20 किलोग्राम हो गयी है। कारोबारियों के अनुसार, माँग कमजोर है और बाजार में फिलहाल मसाला निर्माता ही खरीदार हैं, जबकि निर्यातक गायब हो गये हैं।
धनिया वायदा (सितम्बर) की कीमतों में तेजी बरकरार रहने की संभावना है और कीमतों के 7,050-7,100 रुपये के स्तर तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में धनिया की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। राजस्थान के रामगंज और बारां मंडियों के फिर से खुलने के साथ कीमतें बढ़ी है। राजस्थान की उहंदर मंडी में धनिया की 10,000 बोरियों की आवक दर्ज की गयी। बादामी किस्म का भाव 6,000-6,100 रुपये और ईगल की किस्म 6,300-6,400 रुपये प्रति क्विंटल रही। (शेयर मंथन, 01 सितम्बर 2020)