हल्दी में हो सकती है गिरावट, धनिया के लिए है रुकावट - एसएमसी साप्ताहिक रिपोर्ट

हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों 6,200 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,800 रुपये तक गिरावट हो सकती है।

हाजिर बाजारों में नमूनों का निरीक्षण करने के बाद स्टॉकिस्ट बढ़ी हुई कीमत के बिना अपनी आवश्यकता के लिए सीमित स्टॉक खरीद रहे हैं। जबकि कारोबारी, जिन्हें नयी घरेलू माँग नहीं प्राप्त हो रहा हैं, मसाला फर्मों और हल्दी पाउडर पीसने वाली इकाइयों से अपनी स्थानीय माँग को पूरा करने के लिए उचित मात्रा में हल्दी की खरीद कर रहे हैं। कीमत में कोई वृद्धि नहीं होने के कारण, किसान बिक्री के लिए अच्छी क्वालिटी की हल्दी की कम मात्रा ला रहे हैं। इरोड हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन की बिक्री यार्ड में, फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमत 5,199-6,299 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की 4,791-5,724 रुपये के दायरे में रही। इरोड कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में, फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमत 5,259-6,106 प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की 4,769-5,899 रुपये के दायरे में रही।
जीरा वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 14,200 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 139,00-13,800 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। गुजरात और राजस्थान, भारत के मुख्य जीरा उत्पादन क्षेत्रों में भारी वर्षा के बाद किसानों द्वारा खेती के तहत क्षेत्रों का विस्तार किए जाने से उत्पादन को बढ़ावा मिलने और आपूर्ति बेहतर होने की उम्मीद से हाजिर कीमतों में गिरावट होने लगी है। जीरा के रबी फसल होने के कारण बेहतर उपज के लिए मिट्टी में अच्छी नमी की आवश्यकता होती है। इस वर्ष मानसून ने इस आवश्यकता को लगभग पूरा कर दिया है। ऐसी उम्मीद है कि बुआई का रकबा इस मौसम में बढ़ सकता है।
धनिया वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 6,750-7,050 रुपये के दायरे में रहने की संभावना है और रामगंज मंडी में बढ़ती आवक और कमजोर माँग के कारण नरमी का रुझान रह सकता है। इस बीच मध्य प्रदेश की गुना मंडी के साथ-साथ बारान और कोटा मंडी में कीमतें स्थिर है। गुजरात की राजकोट मंडी में बादामी किस्म की कीमतों 1,160-1,240 रुपये और ईगल किस्म की कीमतों 1,190-1,275 रुपये प्रति 20 किलोग्राम थी। (शेयर मंथन, 07 सितंबर 2020)