जीरे में हो सकती है गिरावट, धनिया में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना- एसएमसी साप्ताहिक रिपोर्ट

हल्दी वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 5,900-6,150 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की उम्मीद है।

हाजिर बाजारों में स्टॉकिस्टों द्वारा स्थिर खरीदारी के बीच कीमतें स्थिर हैं। वर्तमान परिदृश्य में, तेलंगाना क्षेत्र में हाल ही में भारी बारिश के कारण खड़ी फसल को नुकसान पहुँचने की आशंका से हल्दी की कीमतों को काफी मदद मिली है। हल्दी नमूनों की जाँच के बाद खरीदार व्यापारी अपनी तत्काल आवश्यकता के लिए सीमित स्टॉक खरीद रहे हैं। व्यापारियों को लगता है कि दुर्गा पूजा के बाद अगले सप्ताह में दिवाली के लिए बिक्री शुरू हो सकती है। किसान केवल मध्यम गुणवत्ता वाली हल्दी लेकर आ रहे है। आने वाले दिनों में, अगर माँग बढ़ती है तो किसान बिक्री के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली हल्दी ला सकते हैं। इरोड कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में, फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमत 5,259-6,014 रुपये और रूट वेराइटी की कीमत 4,769-5,724 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में रही।
जीरा वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 13,800-14,800 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में जहाँ ऊंझा में जीरा की कीमतों में गिरावट जारी है, वहीं राजकोट मंडी में कीमतें बढ़ रही है। बुआई शुरू होने से पहले किसानों द्वारा पुराने स्टॉक को बाजार में उतार दिय जाने के कारण आवक बढ़ रही है। लेकिन त्योहारी माँग के साथ-साथ निर्यात खरीद के कारण कीमतों में तेजी का रूझान है।
धनिया वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 6,600-6,900 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। प्रतिकूल मौसम के कारण राजस्थान के प्रमुख धनिया बाजारों में आवक कम हुई है। गुजरात, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के खरीदार भी काफी सक्रिय है। लेकिन खरीदार मसाले की गुणवत्ता से संतुष्ट नहीं हैं। मंडियों में बड़ी मात्रा में कम और मध्यम गुणवत्ता की धनिया की आवक हो रही हैं। अच्छी माँग और दरों के बावजूद अच्छी गुणवत्ता की आपूर्ति दुर्लभ है। (शेयर मंथन, 26 अक्टूबर 2020)