जीरे में गिरावट, धनिया की कीमतों में 6,725-6,800 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना - एसएमसी

हल्दी वायदा (नवम्बर) की कीमतों को 5,860 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है।

हाजिर बाजारों में स्टॉकिस्टों द्वारा स्थिर खरीदारी के बीच कीमतें स्थिर हैं। वर्तमान परिदृश्य में, तेलंगाना क्षेत्र में हाल ही में भारी बारिश के कारण खड़ी फसल को नुकसान पहुँचने की आशंका से हल्दी की कीमतों को काफी मदद मिली है। हल्दी नमूनों की जाँच के बाद खरीदार व्यापारी अपनी तत्काल आवश्यकता के लिए सीमित स्टॉक खरीद रहे हैं। व्यापारियों को लगता है कि दुर्गा पूजा के बाद इस सप्ताह में दिवाली के लिए बिक्री शुरू हो सकती है। किसान केवल मध्यम गुणवत्ता वाली हल्दी लेकर आ रहे है। आने वाले  दिनों में, अगर माँग बढ़ती है तो किसान बिक्री के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली हल्दी ला सकते हैं।
जीरा वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 14,050-14,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में सप्ताह के पहले दिन जहाँ ऊंझा में जीरा की कीमतों में 20 रुपये प्रति 20 किलोग्राम की गिरावट हुई है, वही राजकोट मंडी में कीमतों में 20 रुपये 20 किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई है। ऊंझा मंडी ने पिछले सत्र में 18,000 बैग जीरे की आवक हुई है। रफ जीरा की कीमतें 20 रुपये घटकर 2,235-2,285 रुपये प्रति 20 किलोग्राम पर बंद हुई। एनसीडीईएक्स क्वालिटी के जीरे की कीमतें 2,285-2,385 रुपये प्रति 20 किलोग्राम हैं। बॉम्बे बोल्ड की कीमतें 2,585-2,685 रुपये प्रति 20 किलोग्राम हैं।
धनिया वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 6,725-6,800 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में त्योहारी माँग कमजोर है। राजस्थान की मंडियों के साथ-साथ गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में भी थोक खरीदार बाजार से दूरी बनाये हुये हैं। कुछ स्थानीय खरीद की गयी है। ये खरीदार अपनी तत्काल आवश्यकताओं के अनुसार सक्रिय थे, जबकि निर्यातक और मिल इंतजार कर रहे है। (शेयर मंथन, 28 अक्टूबर 2020)