धनिया और जीरे की कीमतों में गिरावट बरकरार रहने की संभावना - एसएमसी

हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों में कल मामूली बढ़ोतरी हुई है और अब कीमतों के 7,300-7,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।

हल्दी की माँग स्थिर रही और प्राथमिक स्रोतों से आपूर्ति कुछ बेहतर हुई। वारंगल और केसमुद्रम बाजार में हल्दी की सामान्य से अधिक और अच्छी गुणवत्ता की आवक दर्ज की गयी। हल्दी के अधिकांश हाजिर बाजारों में कीमतों में स्थिरता रही है। हल्दी बुवाई वाले क्षेत्रों में पिछले सप्ताह के दौरान लगातार बारिश हुई और अगले सीजन के लिए फसल की संभावनायें बेहतर हैं। इस सीजन में बंपर निर्यात के कारण इस सीजन में कीमतों को करीब 25 फीसदी बढ़ी है।

कारोबारियों की ओर से मुनाफा वसूली के कारण जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतों में लगातार तीसरे दिन गिरावट हुई है और आज भी कीमतों में 13,000 रुपये तक नरमी रहने की संभावना है। आपूर्ति में सुधार हुआ है क्योंकि जुलाई में कीमतें 13,000 रुपये से बढ़कर 13,500 रुपये हो गयी हैं। किसानों के पास स्टॉक की अधिक उपलब्धता और स्थानीय माँग की अनिश्चितता के कारण इस सीजन में कीमतों पर दबाव पड़ा है। माँग के अनुरूप ऊँझा बाजार में दैनिक आवक बढ़ी है, जिससे कीमतों में कल 15 रुपये 20 किलोग्राम की गिरावट हुई है।

कारोबारियों की ओर से मुनाफा वसूली के कारण कल धनिया वायदा (अगस्त) की कीमतों में कल दूसरे दिन गिरावट हुई है और कीमतों में 6,675 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। कम आवक के बावजूद प्रमुख हाजिर बाजारों में धनिया की कीमतें स्थिर हैं। बारिश के कारण आवक कमजोर बनी हुई है और अधिकांश व्यापारियों ने अपनी खरीदारी स्थगित कर दी है। राजस्थान समेत देशभर की मंडियों में धनिया की आवक स्थिर रही। मसाला बोर्ड द्वारा 2020-21 में अधिक उत्पादन के अनुमान से कीमतों की बढ़त पर रोक लग सकती है। (शेयर मंथन, 29 जुलाई 2021)