हल्दी, जीरे में बढ़त, धनिया की कीमतों में गिरावट की उम्मीद - एसएमसी

महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण हल्दी क्षेत्रों में नुकसान की खबरों के कारण हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतें 7,450-7,460 रुपये के स्तर तक बढ़त दर्ज कर सकती है।

वर्तमान में, हल्दी की माँग स्थिर है और प्राथमिक स्रोतों से आपूर्ति में मामूली सुधार हुआ है। वारंगल और केसमुंद्रम को छोड़कर लगभग सभी मंडियों में शुक्रवार को हल्दी की कीमतें स्थिर रहीं। शुक्रवार को दुग्गीराला में किसी के आवक की सूचना नहीं है। वारंगल में गट्टा और फिंगर किस्मों के भाव में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है। केसमुंद्रम में गट्टा ग्रेड में 100 रुपये की गिरावट हुई है। हल्दी की बुवाई वाले क्षेत्रों में लगातार बारिश हुई और अगले सीजन के लिए फसल की संभावनायें उज्ज्वल होने की उम्मीद है।
जीरा वायदा (अगस्त) शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन बढ़त के साथ बंद हुआ और 13,200-13,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है। निर्यात माँग में कमी और स्टॉकिस्टों की ओर से धीमी खरीदारी से कीमतों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। ऊंझा मंडी में गुणवत्ता के आधार पर जीरा का हाजिर भाव 13,000-13,700 रुपये के बीच है। आपूर्ति में सुधार हुआ है क्योंकि जुलाई में कीमतें 13,000 रुपये से बढ़कर 13,500 रुपये हो गयी हैं। किसानों के पास स्टॉक की अधिक उपलब्धता और स्थानीय माँग की अनिश्चितता ने इस सीजन में कीमतों पर दबाव बनाये रखा है। ऊंझा मंडी में रोजाना औसतन 8,000-9,000 रुपये बोरी आवक हुई है।
धनिया वायदा (अगस्त) की वायदा की कीमतों में शुक्रवार को 6,813-6,883 रुपये के बेहद सीमित दायरे में कारोबार हुआ और कीमतें 6,850 रुपये पर बंद हुई। कीमतों में 6,750-6,700 रुपये तक गिरावट होने की उम्मीद है। कम आवक के बावजूद प्रमुख हाजिर बाजारों में धनिया की कीमतें स्थिर हैं। मानसून के मौसम में आम तौर पर आवक और माँग कमजोर रहती है। धनिया की आवक राजस्थान समेत देश भर की प्रमुख मंडियों में माँग को पूरा कर रही है। मसाला बोर्ड द्वारा 2020-21 में अधिक उत्पादन के अनुमान से कीमतों की बढ़त पर रोक लग रही है। (शेयर मंथन, 02 अगस्त 2021)