धनिया में बाधा, हल्दी की कीमतों में तेजी का रुझान - एसएमसी साप्ताहिक रिपोर्ट

हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों ने पिछले सप्ताह 5% की छलांग लगाई है क्योंकि अधिकांश राज्यों द्वारा लॉकडाउन में ढील दिये जाने के बाद फिजिकल माँग में रिकवरी हुई है।

इसके साथ ही दुनिया के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के कारण कुछ निर्यात माँग भी आ रही है। कीमतें तेजी के रुझान के साथ 8,000 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। हाजिर बाजार में कारोबारियों की ओर से माँग में बढ़ोतरी हो रही है। पूरे दक्षिण भारत के हाजिर बाजारों में हल्दी की कीमतों में तेजी दर्ज की गयी है। हल्दी की बुवाई वाले क्षेत्रों में लगातार बारिश हुई है जो अच्छी फसल के लिए फायदेमंद होगी। आम तौर पर, हल्दी के निर्यात में जुलाई के बाद कमी देखी जाती है जिससे किसी भी महत्वपूर्ण माँग को सीमित करती है।
जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतों में निचले स्तरों से कुछ बढ़ोतरी हुई है लेकिन साप्ताहिक और दैनिक चार्ट पर अभी भी गिरावट का रुख है। वर्तमान में, कीमतों को 13,700 रुपये पर अहम रुकावट है। त्योहारों के मौसम से पहले अपने स्टॉक को भरने के लिए व्यापारियों की ओर से कुछ माँग हुई है, इसलिए प्रमुख मंडी-ऊँझा और राजकोट में कीमतें पिछले सप्ताह बढ़ी हैं। गुजरात में जीरा के बेंचमार्क बाजार ऊँझा में, पिछले सप्ताह औसत आवक 8,000-9,000 बैग (1 बैग = 55 किलोग्राम) रही है। एक्सचेंज गुणवत्ता वाला जीरा 13,600 रुपये प्रति 100 किलोग्राम पर बेचा गया था, जो पिछले सप्ताह से 200 रुपये अधिक रहा।
धनिया वायदा (अगस्त) की कीमतों में पिछले सप्ताह 8.5 प्रतिशत से अधिक का उछाल दर्ज किया क्योंकि कारोबारियों ने थोक व्यापारियों और निर्यातकों की अच्छी माँग पर नजर रखने के लिए काउंटर में नयी खरीदारी की। अब तत्काल बाधा 7,600 रुपये के स्तर पर जबकि सहारा 6,200 रुपये के स्तर पर दिख रहा है। कीमतों में 7,200 रुपये तक थोड़ी गिरावट हो सकती है। उत्पादक क्षेत्रों में बारिश से आपूर्ति प्रभावित होने के कारण हाजिर बाजार में पिछले सप्ताह कोटा मंडी में धनिया की कीमतों में लगभग 8-10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आने वाले हफ्तों में त्योहारों की अच्छी माँग की उम्मीद से माँग बढ़ने की संभावना है। (शेयर मंथन, 09 अगस्त 2021)