हल्दी में बढ़त, धनिया की कीमतों में 10,000-10,350 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना - एसएमसी

लगातार पाँच सत्रों में गिरावट के बाद मंगलवार को हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें 1.7% की बढ़त के साथ बंद हुई और कीमतों को 9,700 रुपये पर अहम सहारा है इस स्तर से नीचे टूटती है तो कीमतों में 9,500 रुपये तक गिरावट हो सकती है जबकि कीमतों 10,300 रुपये पर अहम बाधा है।

तेलंगाना और महाराष्ट्र के बजारों में नयी फसल की आवक शुरू हो गयी है वर्तमान समय में देश में कम उत्पादन पर कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 53% अधिक हैं। वित वर्ष 2021-22 के पहले 7 महीनों (अप्रैल-अक्टूबर) में पिछले साल के मुकाबले 23% घटकर 89,850 टन निर्यात हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 6.5% अधिक है।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतें मंगलवार को लगभग 2.3% की बढ़त के साथ बंद हुई है। अब कीमतों के 18,750 रुपये पर सहारा के साथ 19,700 रुपये स्तर के पहुँचने की संभावना है। वर्तमान समय के कीमतों वर्ष-दर-वर्ष 42% अधिक है। कृषि विभाग के आँकड़ों के अनुसार, 17 जनवरी तक गुजरात की जीरा का रकबा केवल 3.07 लाख हेक्टेयर है, जबकि की पिछले साल समान अवधि में 4.69 लाख हेक्टेयर था, जबकि राजस्थान में 5.30 लाख हेक्टेयर में जीरा की बुआई हुई है। दुसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार जीरे का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 41% से घटकर 2.37 लाख टन रहने की उम्मीद है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार (अप्रैल-अक्टूर) में जीरा का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 17% घटकर 1.50 लाख टन रह गया है जो पिछले वर्ष 1.82 लाख हुआ था।

धनिया वायदा (जनवरी) की कीमतें मंगलवार को बढ़त के साथ बंद हुई और कीमतों के 10,000-10,350 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है और जनवरी 2022 में 15.5% अधिक हैं। 17 जनवरी 2022 तक गुजरात में धनिया का रकबा 1,25,444 हेक्टेयर है जो समान क्षेत्र की तुलना में 145% है लेकिन पिछले साल 1,40,400 हेक्टेयर से कम है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार (अप्रैल-अक्टूबर) की अवधि के दौरान निर्यात पिछले साल के 33,000 टन 12.7 फीसदी घटकर 28,800 टन लेकिन पाँच साल के औसत की तुलना में 8.6% अधिक है। (शेयर मंथन, 27 जनवरी 2022)