धनिया में रुकावट, जीरे की कीमतों में तेजी का रुझान - एसएमसी

मिले-जुले फंडामेंटल के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल लगभग स्थिर भाव पर बंद हुई और कीमतों के 9,950 के स्तर पर अड़चन और 9,650 रुपये के सहारा के साथ काफी कम दायरे में कारोबार करने की संभावना है।

सुस्त माँग और नयी फसल की आवक के कारण कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। तेलंगाना में बेंचमार्क निजामाबाद बाजार में, सोमवार को 13,000-15,000 बैग की आवक आंकी गयी थी। वर्तमान समय में देश में कम उत्पादन की उम्मीद पर कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 31% अधिक हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 9 महीनों (अप्रैल-दिसम्बर) में, पिछले साल के मुकाबले 20.7% घटकर 1,16,400 टन निर्यात हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 8.8% अधिक है।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों में कल गिरावट हुई है लेकिन तेजी का रुझान बना हुआ है। इसके पहले कीमतें 3 वर्षो के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी हैं। अब कीमतों के 20,865 रुपये पर सहारा के साथ 21,600 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक, गुजरात के प्रमुख बाजारों में कीमतों में तेजी के कारण आवक में सुधार हुआ है। ऊँझा में आवक औसतन 10,000-12,000 बैग हुई है। बुआई क्षेत्रा में गिरावट और घरेलू मांग में सुधर की खबरों के कारण वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 54.8% अधिक हैं। 2021-22 में, गुजरात में जीरा का रकबा केवल 3.07 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले साल समान अवधि में 4.69 लाख हेक्टेयर था और दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार उत्पादन पिछले वर्ष के 4 लाख टन की तुलना में 41% घटकर 2.37 लाख टन होने की उम्मीद है। राजस्थान में भी रकबे में लगभग 30% की गिरावट आयी है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसम्बर में जीरा का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 24% घटकर 1.74 लाख टन रह गया है, जो पिछले वर्ष 2.30 लाख टन हुआ था।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल भी गिरावट के साथ बंद हुई। कीमतों के 11,150 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 10,660 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। वर्तमान में सामान्य की तुलना में कम रकबे और उत्तर भारत में शीत लहर के कारण उत्पादन में कमी की आशंका से वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 67.3% अधिक हैं और जनवरी 2022 के बाद से 24.6% अधिक हैं। सरकारी आँकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसम्बर की अवधि के दौरान निर्यात पिछले साल के 43,100 टन से 13% घटकर 37,500 टन हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 11% अधिक है। (शेयर मंथन, 17 फरवरी 2022)