हल्दी में गिरावट, धनिया की कीमतों में 10,320-10,500 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना - एसएमसी

हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल 0.4% की गिरावट के साथ बंद हुई और तीन महीने के निचले स्तर पर पहुँच गयी।

अब कीमतों के 8,680 रुपये पर बाधा के साथ 8,000 रुपये तक गिरावट दर्ज करने की संभावना है। वर्तमान में कीमतें पिछले साल के लगभग बराबर हैं। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में हल्दी का निर्यात दिसंबर 2021 के 14,275 टन की तुलना में 25% घटकर 10,600 टन रह गया है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 10 महीनों (अप्रैल-जनवरी) में, निर्यात पिछले साल की तुलना में 20.1% घटकर 1.27 लाख टन रह गया है लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 9.2% अधिक है।
उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण जीरा वायदा (अप्रैल) की कीमतों में कल छह हफ्ते के निचले स्तर पर गिरावट हुई लेकिन बाद में रिकवर करते हुए 0.6% की बढ़त के साथ बंद हुई। चीन में कोरोना वायरस के फिर से प्रकोप के बाद निर्यात माँग कम होने की आशंका से कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। अब कीमतें 19,940-21,025 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। हाजिर बाजारों में आवक अधिक हो रही है। बुआई क्षेत्र में गिरावट और घरेलू माँग में सुधार की खबरों के कारण वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 39% अधिक हैं। 2021-22 में, गुजरात में जीरा का रकबा केवल 3.07 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले साल समान अवधि में 4.69 लाख हेक्टेयर था और दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार उत्पादन पिछले वर्ष के 4 लाख टन की तुलना में 41% घटकर 2.37 लाख टन होने की उम्मीद है। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में जीरा निर्यात 19% बढ़कर 14,725 टन हो गया, जबकि दिसंबर 2021 में 12,385 टन था। लेकिन अप्रैल-जनवरी में जीरा का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 23% घटकर 1.88 लाख टन रह गया है जबकि पिछले साल 2.44 लाख टन हुआ था।
निचले स्तर पर खरीदारी के कारण धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल 0.5% की बढ़त के साथ बंद हुई। अब कीमतों के 10,320-10,500 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। बाजारों में आवक बढ़ रही है और थोक खरीदार केवल कम अवधि की जरूरतों के लिए खरीदारी कर रहे है। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण रोमानिया और बुल्गारिया से धनिया की आपूर्ति को प्रभावित कर सकता है, जिससे भारतीय बाजार का मदद मिलेगा। सीजन की फसल से आवक बढ़ने से धनिया की कीमतों पर अल्पावधि में दबाव बने रहने की संभावना है। वर्तमान में सामान्य की तुलना में कम रकबे के कारण उत्पादन में कमी की आशंका से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 50% अधिक हैं और जनवरी 2022 के बाद से 20% अधिक हैं। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में धनिया का निर्यात दिसंबर 2021 में 4,630 टन की तुलना में 15% कम होकर 3590 टन रह गया है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में निर्यात पिछले साल के 48,350 टन से 15% घटकर 41,100 टन हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 11% अधिक है। (शेयर मंथन, 17 मार्च 2022)