डॉलर के कमजोरी से सर्राफा की कीमतों में बरकरार रह सकती है तेजी - एसएमसी साप्ताहिक रिपोर्ट

अमेरिकी राजकोषीय प्रोत्साहन के अंततः पारित होने की उम्मीद से मुद्रास्फीति की वृद्धि के मुकाबले हेज के रूप में माँग बढ़ने सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
लेकिन डॉलर के मजबूत होने से बढ़त पर रोक लगी। कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता और अमेरिकी चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार की जीत की संभावना, जिसके परिणामस्वरूप अधिक स्टीमुलस और डॉलर के कमजोर होने की संभावना है, से सोने की कीमतों को मदद मिल रही है। अमेरिकी हाउस के अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने गुरुवार को कहा कि वार्ताकार एक नये कोरोना वायरस राजकोषीय सहायता पैकेज पर व्हाइट हाउस के साथ बातचीत में प्रगति कर रहे थे और बहुत जल्द समझौता हो सकता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बिडेन द्वारा राष्ट्रपति चुनाव की अंतिम बहस में महामारी पर विपरीत विचारों के बाद बाजार का ध्यान अब नवम्बर 3 को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर है। डॉलर सूचकांक अपने प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले एक महीने के निचले स्तर पर गिर गया, जिससे अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए सोना सस्ता हो गया। लेकिन स्टीमुलस बिल पर जारी बातचीत कोई निश्चित स्पष्टता नहीं दिखती है, जिससे छोटी अवधि के कारोबारियों को कीमती धातुओं के बाजार में कोई दिशा मिल सके। कोरोना के कारण मंदी से ग्रस्त अर्थव्यवस्थाओं को रिकवरी के लिए बड़े पैमाने पर वैश्विक प्रोत्साहन के कारण मुद्रास्फीति और मुद्रा दुर्बलता के मुकाबले हेज माना जाने वाला सोना, इस वर्ष 25% बढ़ा है। तेजी से समय बीतते जाने के कारण ब्रेक्सिट सौदे के लिए ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने गुरुवार दैनिक वार्ता शुरू कर दिया है।
दुनिया में सोने के सबसे बड़े एक्सचेंज एक्सचेंज ट्रेडेड फंड एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट की होल्डिंग कम होकर 40.8 मिलियन औसतन हो गयी है। इस हफ्ते सोने की कीमतें 48,800-53,600 रुपये के दायरे में और चांदी की कीमतें 57,200-65,100 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है जबकि कोमेक्स में सोने की कीमतें 1,870-1,950 डॉलर के दायरे में और चांदी की कीमतें 21.60-27.10 डॉलर के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 26 अक्टूबर 2020)