फेडरल रिजर्व के फैसले से मिलेगी सर्राफा बाजार को दिशा - एसएमसी साप्ताहिक रिपोर्ट

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल द्वारा नीति को सख्त करने की जल्दीबाजी में नहीं होने के बयानों से निवेशकों का डर शांत होने के बाद मुद्रास्फीति से बचाव के रूप में माँग बढ़ने से सोने की कीमतें एक महीने के उच्च स्तर पर पहुँच गयी।

पॉवेल इस विचार पर अड़े रहे कि वर्तमान मूल्य वृद्धि अस्थायी है और फेड को उम्मीद है कि जब तक नौकरियों में आगे ‘पर्याप्त प्रगति’ नहीं हो जाती, तब तक बांड-खरीद जारी रहेगी और ब्याज दरें कम से कम 2023 तक शून्य रहने की संभावना है। अमेरिकी उपभोक्ता कीमतों में 13 वर्षों में सबसे बड़ी वृद्धि ने फेड के संदेश को लेकर निवेशकों का ध्यान केंद्रित किया है। फेडरल फंड्स रेट पर फ्यूचर्स ने अनुमान लगाया है कि फेड अमेरिकी मुद्रास्फीति के आँकड़ों के अनुमान से अधिक बेहतर रहने के बाद दिसंबर 2022 और 2023 की पहली तिमाही के बीच मौद्रिक नीति को मजबूत करेगा। अधिक प्रोत्साहन उपाय से सोने की कीमतों को मदद मिलती हैं, जिसे अक्सर मुद्रास्फीति और मुद्रा में गिरावट के खिलाफ बचाव माना जाता है। पॉवेल की टिप्पणियों ने डॉलर को कमजोर कर दिया, जबकि बेंचमार्क 10-वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी की यील्ड भी कम हो गयी, जिससे बुलियन धारण करने की अवसर लागत कम हो गयी। कुछ निवेशक सोने को उच्च मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव के रूप में देखते हैं, लेकिन फेड दर में बढ़ोतरी से बुलियन की अपील कम हो जायेगी क्योंकि इससे गैर-यील्ड वाली धातु को रखने की अवसर लागत बढ़ जाती है।

इस बीच, बैरिक गोल्ड कॉर्प ने कहा है कि उसकी दूसरी तिमाही में सोने का उत्पादन पिछली तिमाही से 5.4% कम हो गया, जो अमेरिका में नेवादा गोल्ड खदान और डोमिनिकन गणराज्य में प्यूब्लो वीजो में नियोजित रखरखाव बंद होने से प्रभावित हुआ। इस सप्ताह के आगे, हम कीमतों में भारी अस्थिरता देख सकते हैं और सोने की कीमतें 46,500-49,200 रुपये के दायरे में और चांदी की कीमतें 67,300-71,400 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। कोमेक्स में सोने की कीमतें 1,780-1,860 डॉलर के दायरे में कारोबार कर सकती है और चांदी की कीमतें 25.40-27.40 डॉलर के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 28 जुलाई 2021)