सर्राफा बाजार में रह सकती है स्थिरता - एसएमसी साप्ताहिक रिपोर्ट

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के भाषण, जो केंद्रीय बैंक के आर्थिक प्रोत्साहन को कम करने का संकेत दे सकते है, से पहले निवेशकों की सतर्कता के कारण सोने की कीमतों में स्थिरता रही।

डॉलर के मजबूत होने के कारण सोने की कीमतों में 1.2% तक गिरावट हुई थी और कीमतें 1,800 डॉलर के अहम स्तर से नीचे आ गयी क्योंकि मजबूत डॉलर ने सोने की माँग को प्रभावित किया। ज्यादातर लोगों को आशंका है कि फेड अर्थव्यवस्था में मजबूती का और अगले साल या दो वर्षों में प्रोत्साहन कुछ कम करने का संकेत करेगा और इसका असर सोने के बाजार पर पड़ रहा है। फेड ब्याज दर में बढ़ोतरी ब्याज-अर्जित परिसंपत्तियों की तुलना में सोने की माँग को कम कर देगी। बुलार्ड की टिप्पणियों से डॉलर की मजबूती और बेंचमार्क ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी के बावजूद सोने की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी हुई। अधिक यील्ड सर्राफा की अवसर लागत में वृद्धि करती है, जो कोई ब्याज नहीं देता है। फेडरल रिजर्व के तेजतर्रार नीति निर्माताओं ने केंद्रीय बैंक से बांड की खरीद में कमी शुरू करने का आग्रह किया, जो उन्हें लगता है कि अगर सर्वथा हानिकारक नहीं हैं, तो भी अप्रभावी हो गये हैं। सेंट लुइस फेड के अध्यक्ष जेम्स बुलार्ड, कैनसस सिटी फेड के अध्यक्ष एस्थर जॉर्ज और डलास फेड के अध्यक्ष रॉबर्ट कपलान ने, वार्षिक जैक्सन होल के आर्थिक नीति संगोष्ठी में चेयरमैन जेरोम पॉवेल की टिप्पणी से एक दिन पहले, अलग-अलग साक्षात्कारों में डेल्टा संस्करण के प्रभाव को कम कर दिया।
हांगकांग की जनगणना और सांख्यिकी विभाग के आँकड़ों के अनुसार हांगकांग के रास्ते से चीन में सोने का शुद्ध आयात जून में तेज वृद्धि के बाद जुलाई में लगभग 29% कम हो गया गया। काबुल हवाई अड्डा पर गुरुवार को इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती बम हमले, जिसमें कई नागरिक और कम से कम 13 अमेरिकी सैनिक मारे गये, के बाद बाजार में सावधानी बरती गयी। इस सप्ताह एमसीएक्स में सोने की कीमतें 45,600-48,400 रुपये के दायरे में और चांदी की कीमतें 61,000-65,000 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 30 अगस्त 2021)