वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता और राजनीतिक तनाव के दौर में सोने ने बुधवार को नया इतिहास रच दिया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहली बार इसकी कीमत 4,000 डॉलर प्रति औंस के पार निकल गयी।
सोने ने यह उपलब्धि ऐसे समय हासिल की, जब 2025 का साल पहले ही इसके इतिहास का सबसे सुनहरा साल बन चुका है। इस साल की शुरुआत से अब तक सोने की कीमतों में 50% से अधिक की तेजी दर्ज की जा चुकी है।
बुधवार की सुबह अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना हाजिर (स्पॉट गोल्ड) पहली बार 4,000 डॉलर प्रति औंस के ऊपर पहुँचा और लगातार मजबूती का रुझान दिखाते हुए करीब 1.5% की मजबूती के साथ 4,050 डॉलर तक चढ़ गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में 2025 में अब तक 52% की शानदार तेजी आ चुकी है।
2025 में सोने की कीमतों का 39 बार नया रिकॉर्ड : डब्ल्यूजीसी रिपोर्ट
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की एक रिपोर्ट बताती है कि अकेले सितंबर 2025 के महीने में ही सोने की कीमतें 13 बार नये उच्च स्तरों पर पहुँचीं, जबकि सितंबर तक 2025 में सोना 39 बार नया सर्वकालिक उच्च स्तर छू चुका है। अब अक्टूबर में भी इसका रुख मजबूत बना हुआ है और लगातार नये इतिहास बनते दिख रहे हैं। पहली बार 4,000 डॉलर के पार का भाव इसी की एक नयी कड़ी है। डब्ल्युजीसी ने अपनी सितंबर की समीक्षा में लिखा है – “लगातार राजनीतिक तनाव, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और विकल्प (ऑप्शन) बाजार की गतिविधियों ने इस साल सोने को नयी ऊँचाइयों पर पहुँचाया है। इस शानदार तेजी के बाद भी आगे सोना सुरक्षा (हेज) का प्रमुख साधन बना रहने वाला है।”
निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर भाग रहे
रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी भी सोने के सुनहरे भविष्य को लेकर उत्साहित हैं। वे कहते हैं, ‘‘बुधवार को सोना 4,000 डॉलर प्रति औंस के पार पहुँच गया, जो एक नया मील का पत्थर है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नरम रुख के बीच निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर भाग रहे हैं।”
जिगर त्रिवेदी सोने की चाल को प्रभावित करने वाले कारकों को सामने रखते हुए बताते हैं कि अमेरिकी सरकार का शटडाउन अब अपने दूसरे सप्ताह में पहुँच गया है, जिससे प्रमुख आर्थिक आँकड़ों की घोषणा टल गयी है और देश की आर्थिक स्थिति का आकलन करना और कठिन हो गया है। इस अनिश्चितता के बावजूद, व्यापारी अक्टूबर और दिसंबर में फेडरल रिजर्व से ब्याज दरों में 25 आधार अंकों (बेसिस पॉइंट) की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।
त्रिवेदी के अनुसार इसी बीच फ्रांस में जारी राजनीतिक उथल-पुथल और जापान में हाल ही में हुए नेतृत्व परिवर्तन ने भी वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता को और गहरा कर दिया है। इस वर्ष अब तक सोने में 50% से अधिक की वृद्धि हुई है, जो व्यापारिक तनाव, भूराजनीतिक अस्थिरता और कमजोर अमेरिकी डॉलर से प्रेरित रही है।
त्रिवेदी कहते हैं, “केंद्रीय बैंक भी सोने के सक्रिय खरीदार बने हुए हैं, जबकि पिछले महीने फेड द्वारा की गयी दर कटौती ने गोल्ड-समर्थित ईटीएफ में निवेश को और बढ़ावा दिया है। सितंबर में बुलियन-समर्थित ईटीएफ में पिछले तीन वर्षों का सबसे बड़ा निवेश प्रवाह दर्ज किया गया।’’
एमसीएक्स पर वर्तमान कॉन्ट्रैक्ट (दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट) के लिए सोने की कीमतें कल के बंद स्तर 121,111 रुपये की तुलना में यह खबर लिखते समय लगभग 4 बजे 1.5% की मजबूती दिखाते हुए 122,900 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर चल रही हैं। (शेयर मंथन, 8 अक्टूबर 2025)
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