सोना और चांदी: तकनीकी स्तर और भू-राजनीतिक असर

सोने की कीमतों में फिलहाल 50-डे मूविंग एवरेज अहम भूमिका निभा रहा है। जब तक यह फ्लैट स्ट्रक्चर नहीं टूटता, तब तक बड़ा बदलाव देखने की संभावना कम है। बाजार की चाल पर भू-राजनीतिक तनाव का भी असर पड़ता है। अगर हालात शांतिपूर्ण रहते हैं तो सोने में तेजी सीमित रहेगी, लेकिन अगर तनाव बढ़ता है तो सोना निवेशकों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन सकता है। जानें इसपर एक्सपर्ट की राय

तकनीकी स्तरों पर गौर करें तो 3500 डॉलर का स्तर सोने के लिए टॉप माना जा रहा है, जबकि 3319–3300 डॉलर का स्तर अहम सपोर्ट है। अगर सोना 3319 के नीचे बंद होता है तो यह संकेत देगा कि कीमतें 200-डे मूविंग एवरेज तक नीचे जा सकती हैं। बशर्ते इस दौरान भू-राजनीतिक अस्थिरता और न बढ़े। 

चांदी की बात करें तो इसमें स्थिति थोड़ी अलग है। चांदी केवल एक निवेश साधन नहीं बल्कि औद्योगिक धातु भी है, खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। यही वजह है कि चांदी में गिरावट सीमित दिख रही है। 

कुल मिलाकर, सोना भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक अनिश्चितताओं का प्रतिबिंब बना रहेगा, जबकि चांदी अपनी औद्योगिक मांग की वजह से अलग रफ्तार पकड़ सकती है। निवेशकों के लिए सोने में 97,000 रुपये और चांदी में 37 डॉलर के स्तर फिलहाल सबसे अहम सपोर्ट हैं।


(शेयर मंथन, 18 अगस्त 2025)

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