बड़ौदा म्यूचुअल फंड (Baroda Mutual Fund) ने शुरू किया बड़ौदा इक्विटी सेविंग्स फंड

बड़ौदा म्यूचुअल फंड ने हाइब्रिड स्कीम- इक्विटी सेविंग्स श्रेणी में एक नये फंड की पेशकश की है। बड़ौदा इक्विटी सेविंग्स फंड (Baroda Equity Savings Fund) नामक यह फंड ओपेन ऐंडेड फंड है।

इस फंड का उद्देश्य डेब्ट/ मनी मार्केट के विकल्पों, इक्विटी व इक्विटी केंद्रित प्रतिभूतियों में निवेश और आर्बिट्राज के मौकों का इस्तेमाल कर आमदनी उत्पन्न करना और पूँजी निर्माण करना है। इस योजना का बेंचमार्क 40% एनएसई आर्बिट्राज इंडेक्स, 35% निफ्टी शॉर्ट ड्यूरेशन डेब्ट इंडेक्स और 25% एनएसई 100 इंडेक्स है।
एसेट मैनेजमेंट कंपनी के मुताबिक यह फंड उन निवेशकों के लिए बेहतर है जो लंबी अवधि में संपदा सृजन करना चाहते हैं और इसके लिए इक्विटी और इससे संबंधित निवेश विकल्पों में पूँजी लगाने का जोखिम उठा सकते हैं। रिस्कोमीटर पर स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि इसके साथ सामान्य से थोड़ा अधिक जोखिम जुड़ा हुआ है। यह योजना रेगुलर और डायरेक्ट दोनों ही विकल्पों में उपलब्ध है। रेगुलर विकल्प के तहत निवेशक वितरकों के माध्यम से इस योजना में निवेश कर सकते हैं, जबकि डायरेक्ट विकल्प के तहत सीधे फंड हाउस से ही योजना में निवेश किया जा सकता है।
निवेश लाभ के लिहाज से भी निवेशकों को दो विकल्प दिये गये हैं- ग्रोथ (वृद्धि) और डिविडेंड (लाभांश)। निवेशक जो विकल्प चाहें उसका चुनाव कर सकते हैं। ग्रोथ विकल्प इस योजना का डिफाल्ट विकल्प है, इसका मतलब यह है कि जो निवेशक कोई विकल्प नहीं चुनेंगे, उनका निवेश ग्रोथ विकल्प के तहत माना जायेगा। डिविडेंड विकल्प के भीतर निवेशकों को डिविडेंड रीइनवेस्टमेंट और डिविडेंड पेआउट जैसे उपविकल्प भी उपलब्ध हैं। नये फंड ऑफर में निवेश के इच्छुक लोग इस फंड में न्यूनतम 5000 रुपये से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। इसके अलावा इस फंड में न्यूनतम 500 रुपये से मासिक आधार पर एसआईपी किया जा सकता है। इस फंड में कोई इन्ट्री लोड (प्रवेश शुल्क) नहीं लगेगा। लेकिन यदि कोई निवेशक यूनिटों के आवंटन के 1 साल के भीतर उनका रिडंपशन करता है, तो ऐसी स्थिति में उससे एक प्रतिशत निकासी शुल्क (एक्जिट लोड) की वसूली की जायेगी।
यह योजना 4 जुलाई 2019 को आरंभ हो कर 16 जुलाई 2019 को बंद हो रही है, हालाँकि इसके बाद 30 जुलाई 2019 से यह योजना फिर से खुलेगी, ताकि यूनिटों की लगातार खरीद-बिक्री हो सके। (शेयर मंथन, 10 जुलाई 2019)