रिजर्व बैंक ने नहीं किया रेपो रेट में बदलाव

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।

रेपो रेट 6.25% बरकरार रहेगी। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश करते हुए बताया कि रेपो के साथ-साथ रिवर्स रेपो रेट में भी बदलाव नहीं किया गया और यह 5.75% ही रहेगी। आरबीआई का यह फैसला काफी चौंकाने वाला है क्योंकि अधिकतर जानकारों को 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद थी। रेपो रेट न घटाये जाने के 2 महत्वपूर्ण कारण हो सकते हैं। पहला नकदी की कमी की वजह से उपभोक्ता और निवेश खर्च में गिरावट और दूसरा रुपये के मूल्य और मुद्रास्फीति पर दृष्टिकोण।
यदि रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की जाती तो यह 6% रह जाती, जो कि नवंबर 2010 के बाद इसका सबसे निचला स्तर होता। इससे पहले अक्टूबर में अपनी अंतिम समीक्षा में आरबीआई ने अल्पकालिक ऋण (रेपो) रेट में 0.25% की कटौती की थी और जनवरी 2015 के बाद से नीति दर भी 1.75% तक कम कर दी गयी। जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की विकास दर 7.3% रही, जो चीन की 6.7% से काफी बेहतर होने के साथ ही विश्व में सबसे अधिक है। (शेयर मंथन, 07 दिसंबर 2016)