चिंतन हरिया से जानें आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी आईपीओ का हर पहलू

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के मेगा आईपीओ बाजार में लॉन्च हो गया है। कंपनी के सीआईओ चिंतन हरिया ने कंपनी की स्थिति, रणनीति और भविष्य की संभावनाओं को जानते है। 

कंपनी के सीआईओ चिंतन हरिया कहते है कि कंपनी के पास करीब 10 लाख करोड़ रुपये का एसेट अंडर मैनेजमेंट है, जिसमें लगभग 6 लाख करोड़ रुपये इक्विटी में हैं। एक्टिव इक्विटी मैनेजमेंट में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल है। ऑपरेटिंग प्रॉफिट के लिहाज से भी कंपनी इंडस्ट्री में करीब 20% की हिस्सेदारी रखती है, जो इसे सबसे प्रॉफिटेबल एएमसी में से एक बनाती है। इसका मुख्य कारण है मजबूत कॉस्ट मैनेजमेंट, स्केलेबल प्रोडक्ट्स और संतुलित रणनीति, जहां सेल्स टीम आक्रामक है लेकिन इन्वेस्टमेंट टीम बेहद कंजर्वेटिव और रिस्क-अवेयर रहती है।

कंपनी का पोर्टफोलियो काफी डायवर्सिफाइड है। इक्विटी के अलावा हाइब्रिड फंड्स, डेट, ईटीएफ, पीएमएस, एआईएफ और एडवाइजरी बिजनेस में भी मजबूत मौजूदगी है। खासतौर पर हाइब्रिड और डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड्स में कंपनी की मार्केट लीडरशिप है, क्योंकि भारतीय निवेशकों के लिए इक्विटी और डेट का संतुलन आकर्षक रहता है। इसके अलावा अल्टरनेटिव्स और पैसिव बिजनेस में भी कंपनी धीरे-धीरे स्केल बना रही है। 

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी खुद को एक मजबूत, प्रोसेस-ड्रिवन और लॉन्ग टर्म ग्रोथ ओरिएंटेड कंपनी के तौर पर पेश करती है। आईपीओ के बाद भी कंपनी की दिन-प्रतिदिन की कार्यशैली में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, बल्कि लिस्टेड होने के बाद जवाबदेही और पारदर्शिता और बढ़ेगी। कंपनी का मानना है कि जो निवेशक भारत की लंबी अवधि की ग्रोथ स्टोरी में भरोसा रखते हैं, उनके लिए यह आईपीओ एक मजबूत विकल्प हो सकता है। 


(शेयर मंथन, 13 दिसंबर 2025)

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