कमजोर वैश्विक संकेतों की वजह से भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए।
मार्च 2014 में महँगाई दर बढ़ने से भी घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। इस दौरान थोक महँगाई दर बढ़ कर 5.70% रही है, जो कि दिसंबर 2013 के बाद उच्चतम स्तर पर रही है। फरवरी 2014 में यह 4.68% दर्ज हुई थी।
निफ्टी (Nifty) 6,800 के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर खुला, लेकिन जल्द ही इस स्तर से नीचे फिसल गया।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स (Sensex) 144 अंक यानी 0.64% की गिरावट के साथ 22,485 पर रहा। निफ्टी 43 अंक यानी 0.64% गिर कर 6,733 पर बंद हुआ। सीएनएक्स मिडकैप (CNX Midcap) में 0.86% की गिरावट रही। बीएसई मिडकैप (BSE Midcap) में 0.36% और बीएसई स्मॉलकैप (BSE Smallcap) में 0.29% की कमजोरी रही। क्षेत्रों के लिहाज से आज रियल्टी और धातु क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
मिले-जुले एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत बढ़त के साथ हुई। कारोबार के शुरुआती मिनटों में ही निफ्टी 6,800 के स्तर को पार कर गया। इस दौरान सेंसेक्स 22,737 और निफ्टी 6,813 दिन के ऊपरी स्तरों पर रहे लेकिन शुरुआती कारोबार में ही बाजार बढ़त गवाँ कर लाल निशान पर फिसल गया। निफ्टी 6,800 के स्तर से नीचे लुढ़क गया। इस दौरान सेंसेक्स 22,416 और निफ्टी 6,712 दिन के निचले स्तरों तक फिसल गये। इसके बाद बाजार में एक बेहद सीमित दायरे में कारोबार होता रहा। कमजोर यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। दिन भर बाजार एक सीमित दायरे में घूमता नजर आया। हालाँकि कारोबार के आखिरी घंटों में बाजार की गिरावट में थोड़ी कमी आयी। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में लाल निशान पर ही बंद हुए।
क्षेत्रों के लिहाज से आज रियल्टी क्षेत्र को सबसे ज्यादा 2.99% का घाटा हुआ। धातु में 2.81%, बैंकिंग में 2.07%, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 1.31%, ऑटो में 0.94%, पावर में 0.73%, हेल्थकेयर में 0.46% और तेल-गैस में 0.37% की गिरावट रही। कैपिटल गुड्स में 0.15% की कमजोरी रही। दूसरी ओर, आईटी में 2.16% की मजबूती रही। टीईसीके में 1.62% और एफएमसीजी में 0.27% की बढ़त रही। (शेयर मंथन, 15 अप्रैल 2014)
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