
कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक आज लगातार दूसरे दिन तेज गिरावट के साथ बंद हुए।
निफ्टी (Nifty) 8,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ।
फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) की आज से शुरू होने वाली दो दिवसीय बैठक से पहले घरेलू बाजार पर भारी दबाव रहा। फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाये जाने की संभावना है।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 324 अंक यानी 1.21% की गिरावट के साथ 26,493 पर रहा। निफ्टी 109 अंक यानी 1.36% गिर कर 7,933 पर बंद हुआ। सीएनएक्स मिडकैप (CNX Midcap) में 3.69% की गिरावट रही। बीएसई के स्मॉलकैप (Smallcap) में 3.99% और बीएसई मिडकैप (BSE Midcap) में 3.42% की गिरावट रही। क्षेत्रों के लिहाज से रियल्टी और पावर क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
कमजोर एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। शुरुआती कारोबार में बाजार में गिरावट पर एक बेहद सीमित दायरे में कारोबार होता रहा। कमजोर यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। निफ्टी 8,000 के स्तर से नीचे फिसल गया। दोपहर के कारोबार में बाजार टूटता चला गया। कारोबार के आखिरी घंटे में सेंसेक्स 26,464 और निफ्टी 7,925 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। आखिरकार, सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में निचले स्तरों के आसपास ही बंद हुए।
क्षेत्रों के लिहाज से रियल्टी को सबसे ज्यादा 3.42% का घाटा हुआ। पावर में 3.26%, कैपिटल गुड्स में 2.70%, तेल-गैस में 2.67%, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 2.56%, धातु में 2.31% बैंकिंग में 2.00%, ऑटो में 1.73% और हेल्थकेयर में 1.35% की गिरावट रही। टीईसीके में 0.52%, आईटी में 0.27% और एफएमसीजी में 0.05% की कमजोरी रही। (शेयर मंथन, 16 सितंबर 2014)
Add comment