कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच आज भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक तेज गिरावट के साथ बंद हुए।
कारोबारी साल 2014-15 की दूसरी तिमाही में देश का चालू खाता घाटा (CAD) बढ़ने से बाजार पर दबाव बढ़ा। इस दौरान देश का चालू खाता घाटा बढ़ कर जीडीपी का 2.1% हो गया है। जुलाई-सितंबर 2014 तिमाही में देश का चालू खाता घाटा 10.1 अरब डॉलर रहा, जो पिछली तिमाही में 7.8 अरब डॉलर दर्ज हुआ था।
सेंसेक्स (Sensex) 28,000 और निफ्टी (Nifty) 8,400 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुए।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 322 अंक यानी 1.15% की गिरावट के साथ 27,797 पर रहा। निफ्टी 98 अंक यानी 1.16% गिर कर 8,341 पर बंद हुआ। सीएनएक्स मिडकैप (CNX Midcap) में 1.63% की गिरावट रही। बीएसई के स्मॉलकैप (Smallcap) में 1.59% और बीएसई मिडकैप (BSE Midcap) में 1.57% की गिरावट रही। क्षेत्रों के लिहाज से पावर और धातु क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
मिले-जुले एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत सुस्त रही। शुरुआती कारोबार में बाजार में एक सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव के बीच कारोबार होता रहा। कारोबार के दूसरे घंटे में बाजार में गिरावट बढ़ी। कमजोर यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार लुढ़कता चला गया। सेंसेक्स 28,000 और निफ्टी 8,400 के स्तर से नीचे फिसल गये। कारोबार के आखिरी घंटों में बाजार में गिरावट गहरायी। इस दौरान सेंसेक्स 27,764 और निफ्टी 8,330 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। आखिरकार, सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में अपने निचले स्तरों के आसपास ही बंद हुए।
क्षेत्रों के लिहाज से पावर को सबसे ज्यादा 2.75% का घाटा हुआ। धातु में 1.71%, कैपिटल गुड्स में 2.29%, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 2.11%, तेल-गैस में 1.53%, रियल्टी में 1.36%, बैंकिंग में 1.28% ऑटो में 1.26%, एफएमसीजी में 0.94% और टीईसीके में 0.72% की गिरावट रही। आईटी में 0.25% और हेल्थकेयर में 0.22% की कमजोरी रही। (शेयर मंथन, 09 दिसंबर 2014)
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