महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) की 2014-15 की तीसरी तिमाही में बिक्री आईसीआईसीआई डायरेक्ट के अनुमानों के मुताबिक रही है, हालाँकि इस दौरान कंपनी का एबिटा मार्जिन इसके अनुमानों से कम रहा है।
इस तिमाही में एबिटा मार्जिन 10.4% रहा। ब्रोकिंग फर्म के मुताबिक कर्मचारियों पर होने वाले खर्च में बढ़ोतरी का एबिटा मार्जिन पर नकारात्मक असर देखने को मिला है। वित्त वर्ष 2014-15 की तीसरी तिमाही में कंपनी को ऑटो क्षेत्र से होने वाली आय 10,691 करोड़ रुपये रही है। पिछले साल की समान अवधि में ऑटो क्षेत्र से 11,984 करोड़ रुपये की आय हुई थी। वहीं बीती तिमाही में वित्तीय सेवाओं से 1,521.63 करोड़ रुपये की आय हुई।
पिछले साल की समान अवधि में वित्तीय सेवाओं से कंपनी को 1,366 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी। नतीजों पर जारी अपने बयान में कंपनी ने कहा था कि सहयोगी कंपनियों की विलय योजना लागू होने के कारण इन तिमाही नतीजों की पिछले साल के नतीजों से तुलना संभव नहीं है।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट की रिपोर्ट के मुताबिक बेहतर मार्जिन और कम पूँजीगत व्यय के साथ उत्पादों के विकास पर होने वाला अपेक्षाकृत कम व्यय की वजह से खेती से जुड़े उपकरणों का कारोबार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। साथ ही रिपोर्ट में उम्मीद जतायी गयी है कि आने वाले वित्त वर्ष के पहले 6 महीनों में बेहतर मॉनसून की उम्मीद के साथ कृषि के आधुनिकीकरण में तेजी की वजह से कंपनी का एफसीएस कारोबार अन्य कंपनियों के मुकाबले तेजी से विकास कर सकता है।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने 1,457 रुपये के लक्ष्य के साथ इस शेयर को खरीदने की सलाह जारी रखी है। (शेयर मंथन, 17 फरवरी 2015)
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