शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी का रुझान रहा। हालाँकि एमएमडीआर संशोधन विधेयक को संसद से मंजूरी मिलने की खबर आयी, लेकिन इससे कुछ गिने-चुने धातु शेयरों को छोड़ कर बाकी बाजार पर कोई सकारात्मक असर नहीं दिखा।
दरअसल धातु शेयरों में मोटे तौर पर कमजोरी का ही रुझान बना रहा। इस विधेयक में धातु कंपनियों की ओर से खनिजों के खनन पर रॉयल्टी भुगतान को बढ़ाने का प्रस्ताव है। लिहाजा इससे टाटा स्टील, सेल, हिंदुस्तान जिंक जैसी कंपनियों के लिए रॉयल्टी का बोझ बढ़ने वाला है।
शुक्रवार के कारोबार में सुबह बाजार ने सपाट शुरुआत की थी, लेकिन इसके बाद कमजोरी का रुझान बना रहा। बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 28,210 तक फिसलने के बाद अंत में 209 अंक नीचे 28,261 पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) भी शुक्रवार को 8,553 तक फिसला और अंत में 64 अंक या 0.74% के नुकसान के साथ 8,571 पर बंद हुआ।
छोटे-मँझोले शेयरों पर बाजार में उभरी बिकवाली की ज्यादा मार पड़ी। बीएसई मिडकैप में 1.49% और बीएसई स्मॉलकैप में 2.14% की तीखी गिरावट आयी। एनएसई का सीएनएक्स मिडकैप 1.47% गिरा, जबकि सीएनएक्स स्मॉलकैप सूचकांक 2.68% टूट गया।
क्षेत्रीय सूचकांकों में सबसे ज्यादा गिरावट रियल्टी सूचकांक में आयी, जो 3.74% की भारी गिरावट के साथ बंद हुआ। बिजली सूचकांक में 2.09%, एफएमसीजी में भी 2.09% और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 1.93% की कमजोरी दर्ज हुई। आईटी और टीईसीके सूचकांक को छोड़ बाकी सभी क्षेत्रीय सूचकांक लाल निशान में रहे। (शेयर मंथन, 20 मार्च 2015)
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