केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज चीनी पर आयात शुल्क को 25% से बढ़ा कर 40% करने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में चीनी से जुड़ी मूल्य संबंधी धारणा को मजबूत करने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है। इसके अनुसार खुले सामान्य लाइसेंस (ओजीएल) के तहत चीनी पर आयात शुल्क को मौजूदा 25% से बढ़ा कर 40% किया जाएगा। इस कदम के फलस्वरूप चीनी के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में और गिरावट होने की स्थिति में किसी भी आयात को रोका जा सकेगा। इसके अलावा चीनी से जुड़ी 'शुल्क मुक्त आयात अनुमोदन' (डीएफआईए) योजना को वापस ले लिया जायेगा। डीएफआईए के तहत चीनी के निर्यातक प्रोसेसिंग एवं निपटारे के लिए अनुमति प्राप्त कच्ची चीनी का शुल्क मुक्त आयात कर सकेंगे। इस तरह के शुल्क मुक्त आयात से आने वाली चीनी का घरेलू बाजारों में प्रवेश रोकने के लिए चीनी से जुड़ी डीएफआईए योजना को वापस ले लिया जायेगा।
इसी तरह चीनी से जुड़ी अग्रिम अनुमोदन योजना के तहत निर्यात प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की अवधि घटा कर छह माह कर दी जायेगी, ताकि घरेलू बाजारों में इसके प्रवेश की किसी भी संभावना को टाला जा सके।
मिश्रण के लिए आपूर्ति किये जाने वाले इथेनॉल पर उत्पाद शुल्क को हटाने का भी निर्णय लिया गया है। अगले चीनी सीजन के दौरान उत्पादित शीरे से हासिल इथेनॉल और मिश्रण के लिए आपूर्ति किये जाने वाले इथेनॉल पर उत्पाद शुल्क से छूट दी जायेगी और इससे होने वाले मूल्य लाभ को चीनी मिलों/डिस्टिलरी के हवाले कर दिया जायेगा। मौजूदा समय में इस पर 12.36% का केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगता है।
सरकार का मानना है कि इन कदमों से चीनी के मामले में मूल्य संबंधी प्रतिकूल धारणा को बेहतर करने में मदद मिलेगी और इससे उद्योग में तरलता बढ़ेगी, जिससे गन्ना किसानों की बकाया रकम को निपटाने में आसानी होगी।
इस फैसले के मद्देनजर चीनी क्षेत्र के शेयरों में आज अच्छी तेजी नजर आयी। बीएसई में त्रिवेणी इंजीनियरिंग में 4.14%, ईआईडी पैरी में 3.25%, डालमिया भारत शुगर में 2.65%, धामपुर शुगर मिल्स में 2.21%, राजश्री शुगर में 1.94%, शक्ति शुगर में 1.85% और बजाज हिंदुस्तान शुगर में 0.68% की बढ़त दर्ज की गयी। हालाँकि दूसरी ओर उत्तम शुगर में 6.59%, शिंभौली शुगर्स में 3.82% और बलरामपुर चीनी में 0.64% की गिरावट भी आयी। (शेयर मंथन, 29 अप्रैल 2015)
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