
कमजोर वैश्विक संकेतों के साथ ही खराब आईआईपी आँकड़े और महँगाई दर में बढ़ोतरी का आज सुबह घरेलू बाजार पर सीधा-सीधा असर दिखा।
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 200 से ज्यादा और निफ्टी 60 अंक से ज्यादा फिसला। हालाँकि बाद में बाजार में निचले स्तरों से धीरे-धीरे सुधार होता दिख रहा है। शुरुआत में बीएसई मेटल सूचकांक पर दबाव दिखा, लेकिन अब इसमें हरे निशान पर कारोबार हो रहा है। हालाँकि अब भी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और मेटल को छोड़ कर सभी क्षेत्रीय सूचकांकों में गिरावट ही है। आईटी और कंज्यूमर गुड्स सूचकांकों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी जा रही है।
ओएनजीसी, सिप्ला, टीसीएस सबसे कमजोर
सेंसेक्स के 30 दिग्गज शेयरों में आज सुबह सबसे ज्यादा दबाव ओएनजीसी (-2.4%), सिप्ला (-2.3%), टीसीएस (-2.3%), वेदांत (-1.8%), ल्युपिन (-1.6%) और मारुति (-1.4%) में है। दूसरी ओर कोल इंडिया (1.9%), टाटा स्टील (0.8%), ऐक्सिस बैंक (0.7%), बजाज ऑटो (0.5%) और एनटीपीसी (0.4%) हरे निशान में हैं।
क्यों गिरे बाजार?
भारतीय बाजार में गिरावट के पीछे आज अंतरराष्ट्रीय संकेतों के साथ-साथ घरेलू अर्थव्यवस्था से मिले खराब संकेतों का भी असर है। कल अमेरिकी बाजार में सितंबर के बाद की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी, वहीं एशियाई बाजारों में भी आज कमजोरी का माहौल है। दरअसल कमोडिटी कीमतों में आयी तेज गिरावट की वजह से दिसंबर में अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गयी है। कच्चा तेल 2 महीने से भी ज्यादा के निचले स्तर पर आ गया है। तांबे (कॉपर) की कीमतों में भी रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिल रही है। कमोडिटी कीमतों में गिरावट से दुनिया भर के बाजारों में सुस्ती की आशंका बढ़ गयी है। (शेयर मंथन, 13 नवंबर 2015)
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