
लगातार छह सत्रों तक गिरावट के बाद गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में हरियाली लौटी। सुबह हल्की बढ़त के साथ खुलने के बाद बाजार एक छोटे दायरे में ही हरे निशान में चलता रहा। दोपहर के बाद बाजार की मजबूती बढ़ती दिखी और यह दिन के ऊपरी स्तरों के पास ही बंद हुआ। बीएसई का सेंसेक्स (Sensex) 216.27 अंक या 0.86% की बढ़त के साथ 25,252.32 पर बंद हुआ। इससे पहले लगातार छह सत्रों की गिरावट के बाद बुधवार को सेंसेक्स 25,000 के महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर के एकदम करीब आ गया था। आज एनएसई का निफ्टी 50 (Nifty 50) 70.80 अंक या 0.93% की मजबूती हासिल कर 7,683.30 पर बंद हुआ।
आज के कारोबार की महत्वपूर्ण बात यह रही कि वैश्विक बाजारों में कमजोरी और यहाँ घरेलू बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली के बावजूद सूचकांकों ने तेज रुझान दिखाया। आज एफआईआई ने 580 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की। दूसरी ओर घरेलू वित्तीय संस्थाओं (DII) ने आज 411 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की। इस बीच संसद में राजनीतिक गतिरोध बढ़ने से जीएसटी विधेयक शीतकालीन सत्र में पारित होने को लेकर भी असमंजस पैदा हो गया है।
छोटे-मँझोले शेयरों के सूचकांक भी तेजी में नजर आये। बीएसई मिडकैप 0.90% चढ़ा, जबकि बीएसई स्मॉलकैप 1.24% ऊपर बंद हुआ। एनएसई में भी निफ्टी मिडकैप 100 ने 0.88% और निफ्टी स्मॉल 100 ने 1.44% की मजबूती दर्ज की।
सेंसेक्स और निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांकों की आज की तेजी में दिग्गज शेयर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सबसे अहम योगदान किया। रिलायंस का शेयर भाव 3.71% उछला। सेंसेक्स के अन्य शेयरों में हिंडाल्को, टाटा स्टील, एनटीपीसी, एचडीएफसी और बजाज ऑटो 2-3% तक मजबूत हुए। दूसरी ओर महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, ल्युपिन, टाटा मोटर्स, एसबीआई, बीएचईएल और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे शेयरों में कमजोरी नजर आयी। (शेयर मंथन, 10 दिसंबर 2015)
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