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पार्श्वनाथ डेवलपर्स (Parsvnath Developers) की उम्मीदें जुड़ीं अब इस परियोजना से

पार्श्वनाथ डेवलपर्स ने दिल्ली के गोल मार्केट में अपनी व्यावसायिक परियोजना में डब्लूएचओ (WHO) और फेसबुक इंडिया (Facebook India) को किरायेदार बनाने की घोषणा की है, मगर इसकी ज्यादा बड़ी उम्मीदें एक अन्य परियोजना से जुड़ी हैं।

कंपनी ने शेयर मंथन को जानकारी दी है कि दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग पर उसकी परियोजना पार्श्वनाथ 27 चालू वित्त वर्ष (2017-18) की चौथी तिमाही तक पूरी होने की उम्मीद है। यह परियोजना 1.6 लाख वर्ग फुट की है।
कंपनी का कहना है कि गोल मार्केट परियोजना की तुलना में कस्तूरबा गांधी मार्ग वाली परियोजना लुटियन दिल्ली की हृदयस्थली में अपने विशिष्ट रणनीतिक स्थान पर है, और इसमें लक्जरी कार्यालय एवं खुदरा स्थान उपलब्ध कराया जायेगा। लिहाजा इसमें कहीं ज्यादा ऊँची दर से किराये मिलने की उम्मीद है।
हालाँकि पार्श्वनाथ ने इस बात का जवाब नहीं दिया है कि डब्लूएचओ और फेसबुक को दी गयी जगह पर उसे किस दर से किराया मिल रहा है। इसने केवल इतना बताया है कि इस परियोजना का पहला चरण 2.26 लाख वर्ग फुट का था, जिसकी पूरी जगह अब किराये पर लग चुकी है। उसे इस किराये से सालाना 83 करोड़ रुपये की आमदनी होगी। इन आँकड़ों के आधार पर पूरी परियोजना की मासिक औसत किराया आमदनी लगभग 300 रुपये प्रति वर्ग फुट बैठती है। इस परियोजना में पहले से आदित्य बिड़ला, थॉमसन रॉयटर्स, इंडियाबुल्स, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, ऐक्सिस बैंक, रीगस, लोरियल और कैफे कॉफी डे एक्सप्रेस ने किराये पर जगह ली है।
इस परियोजना का दूसरा चरण 1.3 लाख वर्ग फुट का है, जो कंपनी के अनुसार इस साल दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। इस चरण के लिए कंपनी संभावित किरायेदारों से बातचीत कर रही है, पर किसी के साथ औपचारिक समझौता अभी नहीं हुआ है।
ऐसा जान पड़ता है कि आवासीय श्रेणी में पेश आ रही समस्याओं के बीच व्यावसायिक श्रेणी में पार्श्वनाथ कहीं बेहतर प्रदर्शन कर पा रही है। कंपनी के मुताबिक अपनी व्यावसायिक परियोजनाओं में यह लीज मॉडल पर ही काम करती है, जिसमें लीज किराया दर में समय-समय पर बढ़ोतरी होती रहती है।
हालाँकि 2017-18 की पहली तिमाही में कंपनी को 26 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा ही हुआ है, जबकि अप्रैल-जून 2016 में इसने 4.58 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हासिल किया था। इस बीच रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने 16 अगस्त को पार्श्वनाथ की रेटिंग सी से घटा कर डी कर दी है। एजेंसी का कहना है कि यह रेटिंग नकदी की कमी के चलते ऋण भुगतान में देरी को दर्शाती है।
हाल में पार्श्वनाथ डेवलपर्स का नाम सरकार की ओर से सेबी को सौंपी गयी 331 संदिग्ध मुखौटा कंपनियों की सूची में शामिल था, जिसके बाद सेबी ने सोमवार 7 अगस्त को इन सभी 331 कंपनियों के शेयरों में कारोबार पर रोक लगा दी थी। मगर सिक्योरिटीज अपीलैट ट्रिब्यूनल ने 11 अगस्त को पार्श्वनाथ समेत छह कंपनियों के शेयरों में कारोबार की अनुमति दे दी, हालाँकि इसने सेबी या एक्सचेंजों को कंपनी के विरुद्ध किसी जाँच को आगे बढ़ाने से नहीं रोका है।
इसके बाद 14 अगस्त से पार्श्वनाथ के शेयरों की खरीद-बिक्री दोबारा शुरू हो गयी, हालाँकि उस दिन यह 10% गिरावट के निचले सर्किट पर रहा। उसके बाद से अब तक मोटे तौर पर यह शेयर दबाव में ही चल रहा है। आज सुबह करीब 10.15 बजे बीएसई में पार्श्वनाथ डेवलपर्स का शेयर भाव 0.65 रुपये या 3.17% की गिरावट के साथ 19.85 रुपये पर चल रहा है। (शेयर मंथन, 22 अगस्त 2017)

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