ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में भारतीय कंपनियों की दिलचस्पी बढ़ती दिख दिख रही है। कंपनियां भविष्य के इस ईंधन यानी ग्रीन हाइड्रोजन से होने वाले फायदे से वंचित नहीं रहना चाहती हैं।
इसी कड़ी में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन यानी आईओसी (IOC), लार्सन ऐंड टूब्रो (L&T) और रिन्यू (ReNew) ने एक ज्वाइंट वेंचर यानी संयुक्त उपक्रम के गठन का ऐलान किया है। एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक इस संयुक्त उपक्रम में तीनों कंपनियों की हिस्सेदारी बराबर होगी जो करीब 33.33 फीसदी है। शुरुआत में तीनों कंपनियों ने अथॉराइज्ड कैपिटल के तौर पर 1 करोड़ रुपये की रकम के निवेश का ऐलान किया है।
इस संयुक्त उपक्रम का नाम GH4India Private Ltd यानी ग्रीन हाइड्रोजन फॉर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड है जिसका गठन 25 अगस्त को किया गया है। इस जेवी (JV) के गठन का मकसद ग्रीन हाइड्रोजन और इसके
डेरिवेटिव्स,जिसमें ग्रीन अमोनिया, मेथनॉल के अलावा प्रोडक्शन एसेट्स और संबंधित रिन्युएबल एसेट्स शामिल होंगे। इसे ओनरशिप और ऑपरेटरशिप मॉडल के जरिए चलाया जाएगा।यह जानकारी आईओसीएल (IOCL) और लार्सन ऐंड टूब्रो ने एक अलग फाइलिंग के जरिए एक्सचेंज को दी है।
आपको बता दें कि अप्रैल 2022 में इन तीनों कंपनियों ने बाइंडिंग टर्मशीट पर संयुक्त उपक्रम के गठन के लिए हस्ताक्षर किया था। इसका मकसद उभरते ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र का फायदा उठाया जा सके। इस संयुक्त उपक्रम में शामिल तीनों कंपनियों को अपने क्षेत्र में महारत हासिल है। लार्सन ऐंड टूब्रो के पास जहां ईपीसी (EPC) प्रोजेक्ट्स के डिजाइनिंग से लेकर उसके संपादन (एक्जीक्यूशन) की विशेषज्ञता हासिल है तो वहीं आईओसीएल के पास पेट्रोलियम रिफाइनिंग का लंबा अनुभव है। वहीं ReNew के पास रिन्युएबल एनर्जी सॉल्यूशंस से जुड़े यूटिलिटी स्केल ऑफर कर उसे पूरा करने की विशेषज्ञता मौजूद है।
(शेयर मंथन, 27 अगस्त 2023)
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