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हल्दी में नरमी, जीरे में हो सकती है गिरावट - एसएमसी

हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 7,200-740 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।

मध्यम क्वालिटी की आवक और कमजोर घरेलू माँग के कारण इरोद में हल्दी की कीमतों में गिरावट हुई है। इरोद को ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में फिंगर वेरायटी की कीमतों में 1,000 रुपये और रूट वेरायटी की कीमतों में 800 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है। जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों में पिछले तीन हफ्ते से गिरावट जारी है और अब 16,400-16,300 रुपये तक गिरावट हो सकती है। पिछले हफ्ते गुजरात के उंझा बाजार में जीरे की नयी फसल की आवक शुरु हो गयी है और हाजिर बाजारों में 20,200-20,500 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम के भाव पर बेची जा रही हैं, जबकि पुराना जीरा 20,700 रुपये के भाव पर उपलब्धत है। वर्तमान समय में जीरे की नयी फसल की माँग कम है क्योंकि ठंड के कारण जीरे में 11-11.5% नमी है। फरवरी के अंत तक जीरे की आवक में तेजी आने की संभावना है और इसके बाद अधिक आवक के दौरान प्रतिदिन 25,000-30,000 बैग आवक होने की संभावना है। कारोबारियों के अनुसार 2017-18 (अक्टूबर-सितम्बर) में देश में जीरे का कुल उत्पादन 30% बढ़ कर 6.5 मिलियन बैग होने का अनुमान है। पिछले सीजन में अधिक कीमतें मिलने के बाद किसानों द्वारा उत्पादन क्षेत्रा में बढ़ोतरी किए जाने से अधिक उत्पादन होने का अनुमान है। इलायची वायदा (फरवरी) की कीमतों के 1,160 के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। केरल और तमिलनाडु के बोली केन्द्रों पर छोटी इलायची की कीमतों में स्थिरता है। बोली केन्द्रों पर अधिकतम कीमत 1,234 रुपये और औसत कीमतें 941.41 रुपये प्रति किलो ग्राम है। (शेयर मंथन, 23 जनवरी 2018)

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