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जीरे में बढ़त के बाद बिकवाली का दबाव रहने की संभावना - एसएमसी

हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के 8,200-8,500 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है। अधिक आयात की संभावनाओं के बीच कीमतों में नरमी का रुझान है।

कंबोडिया में भारतीय दूतावास ने हाल ही में कहा है कि वह कंबोडिया से काली मिर्च और हल्दी के आयात को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। इस संदर्भ में एक बैठक में काफी उपयोगी चर्चा हुई कि कैसे कंबोडियाई कृषि उत्पादों का निर्यात भारत को बढ़ाया जाय। दूतावास कंबोडिया में उत्पादित गुणवत्ता वाले हल्दी के बारे में स्पष्ट है, कि दोनों देशों की कंपनियों के लिए यह एक लाभदायक होगा, जिससे द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि होगी।
जीरा वायदा (मई) की कीमतों में प्रत्येक बढ़ोतरी के बाद बिकवाली का दबाव रह सकता है और कीमतें 14,300-14,400 रुपये के पास प्रतिरोध का सामना कर रही है। वर्तमान समय में, हाजिर बाजारों में नयी फसल के आपूर्ति का दबाव है और कई देशों में कोरोना वायरस मामलों में फिर से बढ़ोतरी के कारण लॉकडाउन के कारण माँग प्रभावित होगी।
धनिया वायदा (मई) की कीमतें 7,100-7,400 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार कर सकती है। अधिक निर्यात माँग और पाइपलाइन में कम स्टॉक के कारण सेंटीमेंट काफी बेहतर हैं। राजस्थान में धनिया का उत्पादन हर साल 25-30 लाख बैग के मुकाबले 12 लाख बैग (40 किलो प्रत्येक) होने की उम्मीद है। इसी तरह, कम पैदावार के कारण गुजरात में उत्पादन 40 लाख बैग तक कम होने का अनुमान है। कुल मिलाकर, इस बाजार वर्ष में धनिया उत्पादन 3,42,435 टन (85 लाख बैग) अनुमानित है, जबकि पिछले वर्ष 3,52,316 टन हुआ था। यद्यपि कोविड महामारी की दूसरी लहर और उसके बाद लॉकडाउन के कारण माँग में कमी को लेकर चिंतायें हैं लेकिन फिलहाल जोरदार माँग के कारण कीमतों को मदद मिल रही है। (शेयर मंथन, 13 अप्रैल 2021)

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