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ग्वारसीड में बढ़त, कैस्टरसीड को 6,700-6,900 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना - एसएमसी

बेहतर घरेलू माँग के बीच यूएसडीए द्वारा उत्पादन अनुमान में कटौती के कारण कॉटन वायदा (फरवरी) की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है और कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर 38,480 रुपये के स्तर पर पहुँच गयी है।

अब कीमतों के 38,300 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 39,000 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 79.7% अधिक हैं जबकि पिछले एक महीने में 13.6% बढ़ी है। सीसीआई के अनुसार, जनवरी 2022 तक बाजार वर्ष 2021-22 फसल की आवक 18.27 मिलियन गांठ होने का अनुमान है, जो 3 साल के औसत से 9% कम है। सीएआई ने 2021-22 सीजन में कपास के उत्पादन अनुमान को 12.00 लाख बेल घटाकर के 348.13 लाख बेल (1 बेल 170 किलोग्राम का) कर दिया है जबकि पिछला अनुमान 360.13 लाख बेल उत्पादन का था, जबकि घरेलू खपत में 10 लाख बेल की बढ़ोतरी हुई। यूएसडीए ने अपनी मासिक रिपोर्ट में भारत में कपास के उत्पादन को पिछले महीने के 28 मिलियन बेल से घटाकर 27.5 मिलियन बेल कर दिया है जबकि सबसे बड़े निर्यातक अमेरिका में कपास के उत्पादन में 3.61% की कटौती करके 17.6 मिलियन बेल कर दिया गया है।

ग्वारसीड वायदा (मार्च) की कीमतों में शुक्रवार को 0.8% की बढ़ोतरी हुई है। कीमतों के 6,280 रुपये पर सहारा के साथ 6,500 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 62% अधिक हैं। नवम्बर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 33% बढ़कर 24,150 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-नवम्बर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 44.4% बढ़कर 2.09 लाख टन हो गया।
कैस्टरसीड वायदा (मार्च) की कीमतें लगातार सातवें दिन बढ़त के साथ शुक्रवार को अब तक के उच्चतम स्तर 6,814 रुपये पर पहुँच गयी है। अब कीमतें 6,700-6,900 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। लेकिन उच्च स्तर पर बिकवाली हो सकती है। 2022 में कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है और वर्ष-दर-वर्ष 53.6% अधिक है। गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम अनुमान ने अरंडी के उत्पादन को 1 लाख टन घटाकर 13.02 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले साल 13.45 लाख टन उत्पादन हुआ था। कीमतों में बढ़ोतरी के कारण पिछले तीन महीनों के दौरान अरंडी के तेल का निर्यात कम हुआ है। सितंबर-नवंबर के दौरान निर्यात पिछले साल के 1.65 लाख टन की तुलना में 16% घटकर 1.39 लाख टन रह गया। इसी तरह (अगस्त-दिसंबर) के दौरान अरंडीमील के निर्यात में 16.5% की गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 14 फरवरी 2022)

 

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