सरकारी कंपनी एनटीपीसी (NTPC) ने एक्सचेंज को जानकारी दी है कि उसके कैप्टिव माइन्स में कोयले के उत्पादन में 65 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2023 में कोयले का उत्पादन बढ़कर 2.3 करोड़ टन हो गया है।
वही पिछले साल कंपनी के चार ऑपरेशनल माइन्स से कोयले का उत्पादन 1.4 करोड़ टन रहा था। कंपनी के चार ऑपरेशनल माइन्स में टीपीसी (TPC) पकड़ी बरवाडीह (झारखंड), एनटीपीसी चैती बरियातु (झारखंड) एनटीपीसी डुलंगा (ओडिशा) और एनटीपीसी तलाईपाली (छतीसगढ़) है। इसके अलावा कंपनी ने अब तक का सालाना 7.3 करोड़ क्यूबिक मीटर ओवरबर्डेन को भी हटाया है जो कि पिछले साल के मुकाबले 129 फीसदी अधिक है। पिछले साल इसी अवधि में कंपनी ने 3.19 करोड़ क्यूबिक मीटर ओवरबर्डेन को हटाया था। कंपनी की ओर से हासिल किया गया मुकाम उसे घरेलू उत्पादन पर फोकस को दर्शाता है। कंपनी पावर की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है। कंपनी ने पावर मंत्रालय, कोयला मंत्रालय और राज्य सरकारों के प्रयासों की सराहना की है। एनटीपीसी पावर इकाई तक कोयले को पहुंचाने में इनकी भूमिका काफी अहम रही। एनटीपीसी पावर इकाई को कोयले की आपूर्ति में 48 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले साल इसी अवधि में 1.48 करोड़ टन कोयले की आपूर्ति पावर इकाई को की गई थी।
कोल माइनिंग टीम ने सुरक्षा बढ़ाने के मकसद से डिजिटल स्तर पर कई उपाए किए हैं जिसमें ई-एसएमपी (e-SMP), डिजिटाइज्ड सेफ्टी प्रबंधन और सेफ्टी सचेतन के लिए मोबाइल ऐप भी उतारा गया है। एनटीपीसी ग्रुप की इन्सटॉल्ड क्षमता 71594 मेगा वाट है।
(शेयर मंथन, 9 अप्रैल, 2023)
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