2.18: भारतीय शेयर बाजार में एक सीमित दायरे के बीच कारोबार हो रहा है। इस समय सेंसेक्स 394 अंक नीचे 8,380 पर है, जबकि निफ्टी 97 नीचे 2,538 पर है। बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों में 3.5% से अधिक की कमजोरी है। बीएसई के सभी क्षेत्रवार सूचकांक लाल निशान में हैं। रियल्टी सूचकांक में 6.85% और बैंकिंग सूचकांक में 6.17% की गिरावट है। तेल-गैस, धातु, ऑटो और टीईसीके सूचकांकों में 4.5% से अधिक कमजोरी है। आईसीआईसीआई बैंक में 9.62% और रिलायंस कम्युनिकेशंस में 8.32% की गिरावट है। स्टरलाइट इंडस्ट्रीज, टाटा पावर, मारुति सुजकी और एचडीएफसी बैंक में 7% से अधिक कमजोरी है। रिलायंस इन्फ्रा, एचडीएफसी और जयप्रकाश एसोसिएट्स में 6.7% से अधिक गिरावट है।
12.30: भारतीय शेयर बाजार में गिरावट बढ़ गयी है। इस समय सेंसेक्स 410 अंक नीचे 8,364 पर है, जबकि निफ्टी 108 नीचे 2,527 पर है। बीएसई में सभी क्षेत्रवार सूचकांकों में गिरावट है। रियल्टी सूचकांक में 7.3% और बैंकिंग सूचकांक में 5.82% की गिरावट है। ऑटो, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, टीईसीके और आईटी सूचकांकों में भी 4.5% से अधिक की कमजोरी है। एचडीएफसी में 10.33%, टाटा पावर और आईसीआईसीआई बैंक में 8.66%, रिलायंस कम्युनिकेशंस में 7.7% और एचडीएफसी बैंक में 7.44% की गिरावट है।
इंडिया इन्फोलाइन ने कारोबारी साल 2008-09 की दूसरी छमाही में निफ्टी में शामिल कंपनियों का कुल मुनाफा पहली छमाही के मुकाबले 19% कम रहने का अंदेशा जताया है। अगर 2009-10 में निफ्टी कंपनियों के मुनाफे की बात करें, तो यह 2007-08 से भी नीचे जा सकता है। इस ब्रोकिंग फर्म की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि 2009-10 में निफ्टी कंपनियों का कुल मुनाफा बाजार के मौजूदा औसत अनुमान की तुलना में करीब 20% कम हो सकता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक दबाव वाली स्थिति (स्ट्रेस-केस) के अनुमान ही अब आधार (बेस-केस) अनुमान बनते दिख रहे हैं।