
राजीव रंजन झा : तिमाही नतीजों के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के शेयर ने मंगलवार को 840 से 810 रुपये तक का गोता लगाया था।
कल यह 810 से भी नीचे फिसला और हाल में 10 अक्टूबर को 807 पर बनी पिछली तलहटी के भी नीचे चला गया, इसके नीचे ही इसका बंद स्तर भी रहा 805 पर। साथ में यह अपने 20 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) 832 और 10 एसएमए 824 से भी काफी नीचे आ चुका है। ये संकेत अच्छे तो नहीं हैं। तिमाही नतीजों के बाद बाजार का माहौल भी इसके पक्ष में नहीं है। अगर पूरा बाजार ही सँभले और उसके साथ-साथ रिलायंस भी सँभल जाये तो अलग बात है, वरना इसका शेयर भाव अगले कुछ दिनों में 20-40 रुपये नीचे जा सकता है। दरअसल 808 पर इसका 50 दिनों का एसएमए है, जो कल कट गया। अगर यह इसके नीचे अटका रह गया, जिसकी पुष्टि 800 के नीचे फिसलने पर होगी, तो 200 एसएमए की ओर फिसलना बड़ा स्वाभाविक होगा। इसका 200 एसएमए अभी 763 पर है, मतलब यहाँ से करीब 40 रुपये नीचे। इससे पहले 3 सितंबर को इसकी ताजा तलहटी भी लगभग इसी स्तर पर 760 के भाव पर बनी थी। जब तक यह 200 एसएमए के नीचे या 760 के नीचे न जाये, तब तक इसे लेकर ज्यादा चिंता नहीं होगी। लेकिन छोटी अवधि के लिए तो अभी कमजोरी का रुझान बनता दिख रहा है।
अगर रिलायंस के शेयर को इस कमजोरी से बचना है तो इसे 813 के ऊपर लौटना होगा। कारण यह है कि 2009 के शिखर 1268 से इस साल मई-जून की तलहटी 673 तक की गिरावट की 23.6% वापसी 813 पर है। हाल में यह इस संरचना की 38.2% वापसी के स्तर 900 की ओर बढ़ा था, लेकिन इसे छूने से पहले ही 882 से नीचे पलट गया था। अब दोबारा 23.6% वापसी के स्तर पर थोड़ा ऊपर-नीचे झूलने के बाद भी अगर सहारा मिल जाये, तो यह नये सिरे से ऊपर जाने की कोशिश कर सकता है। लेकिन अगर यह 813 से ज्यादा नीचे चला गया, तो कमजोरी की बात पक्की हो जायेगी।
अगर हम मई-जून की तलहटी 673 से हाल के शिखर 882 तक की उछाल की वापसी देखें तो इसमें 38.2% वापसी 802 पर है। कल रिलायंस का निचला स्तर 802 का ही रहा। इसलिए कमजोरी के दूसरे संकेतों के बावजूद अगर यहाँ सहारा मिल जाये तो कोई आश्चर्य नहीं। ऐसा होने का संकेत तभी मिलेगा, जब यह कल के ऊपरी स्तर 817 के ऊपर निकल कर टिक सके। अगर ऐसा होता है तो निफ्टी को भी इससे सहारा मिलेगा।
लेकिन अगर यह 800 से ज्यादा नीचे फिसलने लगे तो 673-882 की उछाल की 50% वापसी यानी 777 और फिर 61.8% वापसी यानी 61.8% वापसी यानी 753 पर नजर जायेगी। मोटी बात यही कि 800 के आसपास सहारा मिल गया तो ठीक, वरना 20-40 रुपये की कमजोरी तो दिख ही रही है। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 18 अक्टूबर 2012)
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