

राजीव रंजन झा : बीते शुक्रवार की सुबह मैंने लिखा था, “मुमकिन है कि अप्रैल के अंत या मई की शुरुआत तक सेंसेक्स (Sensex) करीब 18,000 और निफ्टी (Nifty) करीब 5400-5450 पर नजर आये।
हालाँकि अप्रैल के पहले हफ्ते में जिस तरह बाजार की घबराहट दिख रही है, उससे यह आशंका बनती है कि ऐसे निचले स्तर कहीं और जल्दी न मिल जायें।” कल निफ्टी ने 5487 का निचला स्तर छू लिया और लगभग इसके पास ही 5495 पर बंद हुआ। सितंबर 2012 के बाद यह पहला मौका रहा, जब निफ्टी 5500 के नीचे बंद हुआ। लगातार पाँच दिनों यह से फिसल रहा है और इस दौरान लगातार वापस उछाल उम्मीदों को धता बताता रहा है।
इस साल फरवरी से ही सेंसेक्स-निफ्टी कोई सार्थक वापस उछाल (पुलबैक) दर्ज नहीं कर पाये हैं। कल ऐसा लग रहा था कि शुक्रवार के कारोबारी दायरे के अंदर सोमवार का पूरा दिन गुजारने, यानी तकनीकी नजरिये से इनसाइड डे बार बनाने के बाद अगर शुक्रवार का ऊपरी स्तर 5577 पार हो जाये तो निफ्टी थोड़ी ठीक-ठाक वापस उछाल दर्ज कर सकेगा। कम-से-कम 5630 के आसपास तक जाने की उम्मीद तो बनती ही थी, क्योंकि उसके आसपास ही 10 दिनों का सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) था। लेकिन 5600 तक जाते-जाते निफ्टी का दम फूल गया।
दिन के ऊपरी स्तर 5603 से 5487 तक फिसलने के दौरान निफ्टी ने 116 अंक का नुकसान सहा। इस तीखी गिरावट ने बाजार का हौसला तोड़ा। लेकिन फिलहाल कुछ उन समर्थन स्तरों का ध्यान रखना चाहिए, जिन्हें सेंसेक्स-निफ्टी ने अभी नहीं तोड़ा है।
शुक्रवार की सुबह भी मैंने लिखा था कि बाजार में घबराहट है, लेकिन दायरे का निचला छोर करीब है। मासिक पत्रिका निवेश मंथन के मार्च अंक में लिखी अपनी बात को दोहराते हुए मैंने जिक्र किया था कि “मोटे तौर पर ऊपर की ओर पहले 6000 पार करना और फिर 6112 से आगे निकलना निफ्टी के लिए नयी तेजी का संकेत होगा, जबकि नीचे की ओर 5650-5450 के बड़े दायरे में महत्वपूर्ण सहारा रहेगा। मध्यम से लंबी अवधि में बाजार की दिशा तय करने के लिए ये स्तर सबसे महत्वपूर्ण रहेंगे।”
मौजूदा स्तरों के आसपास सहारा लेकर एक वापस उछाल लेने की संभावनाएँ देखने के कुछ कारण बनते हैं। इसे समझने के लिए यह देखना जरूरी है कि मैंने फरवरी से ही निफ्टी के लिए 5500-5400 के निचले स्तरों की चर्चा क्यों की थी। तब मेरे ध्यान में 200 दिनों का सिंपल मूविंग एवरेज (फरवरी के शुरुआती दिनों में 5500 के कुछ नीचे) था। साथ ही नवंबर 2012 की तलहटी 5548 पर भी नजर थी। मोटी बात यह थी कि सेंसेक्स और निफ्टी नवंबर 2012 की तलहटियों और 200 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज के स्तरों की ओर बढ़ रहे हैं।
यहाँ एक गौरतलब बात यह है कि निफ्टी ने नवंबर 2012 की तलहटी 5548 को शुक्रवार 5 अप्रैल को ही तोड़ दिया था, लेकिन सेंसेक्स ने नवंबर की अपनी तलहटी 18,256 को कल जाकर तोड़ा है। कल सेंसेक्स 18,207 तक फिसला और अंत में 18,226 पर बंद हुआ। इस लिहाज यह माना जा सकता है कि सेंसेक्स ने बस अभी-अभी नवंबर 2012 की तलहटी को छूने का काम पूरा किया है। अभी यह नहीं कहा जा सकता कि इसने नवंबर 2012 की तलहटी को अच्छे अंतर से और पक्के तौर पर तोड़ दिया है। ऐसे में इस संभावना को कैसे नकारें कि शायद सेंसेक्स की नवंबर की तलहटी पर बाजार ठीक से सहारा लेकर पलटना चाह रहा हो।
अगर वापस निफ्टी की बात करें तो गौरतलब है कि निफ्टी ने 14 सितंबर 2012 को 5447 से 5527 के दायरे में एक ऊपरी अंतराल (गैप) बना कर अपनी नयी तेज चाल शुरू की थी। अब निफ्टी इस खाली अंतराल को भरने का अधूरा काम निपटाता दिख रहा है। इस लिहाज से 5447 एक अच्छा सहारा बनता है।
अगर हम 4770 से लेकर जनवरी 2013 के शिखर 6112 तक की उछाल की वापसी देखें, तो इसमें 38.2% वापसी का स्तर 5599 टूट चुका है। ऐसे में 50% वापसी यानी 5441 अगला स्वाभाविक लक्ष्य है। इसके अलावा, नवंबर 2010 के शिखर 6339 से लेकर दिसंबर 2011 की तलहटी 4531 तक की गिरावट वाली संरचना में भी 61.8% वापसी यानी 5648 टूटने के बाद 50% वापसी 5435 पर है। इस तरह निफ्टी के लिए 5400 के ऊपर कहीं सहारा ले सकने की संभावना अच्छी-खासी है।
लेकिन अगर निफ्टी इसके भी नीचे फिसलता नजर आया तो आगे कहाँ तक गिरावट आ सकती है? वैसी सूरत में 4770-6112 की संरचना में 61.8% वापसी का अगला पड़ाव 5283 पर है। वहीं 6339-4531 की संरचना में अगला सहारा 5221 पर होगा। इस तरह 5400 के नीचे जाने पर 5220-5280 के दायरे सहारा मिल सकता है। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 10 अप्रैल 2013)
Add comment