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इन भावों पर इन्फोसिस (Infosys) महँगा नहीं तो सस्ता भी नहीं


राजीव रंजन झा : इन्फोसिस (Infosys) के तिमाही नतीजे मोटे तौर पर अनुमानों के मुताबिक या कुछ हद तक बेहतर रहने की खबरों के बीच आज सुबह यह शेयर 3% से ज्यादा उछल गया, लेकिन बाद में ऊपरी स्तरों से कुछ नीचे आया है।

कंपनी ने मीडिया से बातचीत में मार्जिन को लेकर ज्यादा उत्साहजनक बातें नहीं की हैं। खास कर कारोबारी साल 2014-15 की पहली तिमाही में वेतन-वृद्धि के कारण मार्जिन 3% अंक घट जाने की संभावना जतायी गयी है। लेकिन एक तिमाही के इस उतार-चढ़ाव से ज्यादा इस बात पर नजर रखनी चाहिए कि आगे कंपनी किस तरह की वृद्धि दर बनाये रख सकती है।

कंपनी ने खुद जो अनुमान सामने रखा है, उसके मुताबिक रुपये में उसकी आमदनी में 5.6-7.6% वृद्धि हो सकती है। इन्फोसिस के बारे में ज्यादातर जानकार यह उम्मीद करके चलते हैं कि वह अपने अनुमानों से कहीं बेहतर प्रदर्शन ही करेगी। लेकिन ऐसा प्रदर्शन इन्फोसिस 1.0 का होता था। इन्फोसिस 2.0 ने कई बार निराश भी किया। अब नारायणमूर्ति की दूसरी पारी में जो इन्फोसिस 3.0 सामने आ रही है, वह कैसा व्यवहार करेगी इसका परीक्षण होना अभी बाकी है।

लेकिन अगर हम इस अनुमान के ऊपरी छोर को भी मान कर चलें तो कैसी तस्वीर बनेगी? साल 2013-14 में कंपनी की आमदनी 24.2% बढ़ी और इसका मुनाफा 13.0% बढ़ पाया। ऐसे में अगर 2014-15 में आमदनी केवल 7.6% बढ़ेगी तो मुनाफा और ईपीएस बढ़ने की दर क्या होगी? अगर कंपनी अपने मार्जिन को एकदम स्थिर भी रख पाये तो ईपीएस बढ़ने की दर दो अंकों में ले जाना मुश्किल हो सकता है।

कंपनी ने 2013-14 में 186.35 रुपये की ईपीएस हासिल की है। अगर इसने 2014-15 में आमदनी में वृद्धि के मुताबिक ही ईपीएस में 7.6% वृद्धि हासिल की तो इसकी सालाना ईपीएस लगभग 200 रुपये होगी। अगर यह ईपीएस 10% बढ़ा सकी तो 2014-15 की ईपीएस लगभग 205 रुपये होगी। अगर इसने अनुमानों से कुछ बेहतर प्रदर्शन किया और ईपीएस वृद्धि 2013-14 के आसपास ही 13% पर रही तो ईपीएस लगभग 210 रुपये होगी।

अभी इन्फोसिस लगभग 3,300 रुपये के भाव पर है। एक साल आगे की 200 रुपये की ईपीएस के आधार पर इसका पीई अनुपात 16.5 का बनता है, जबकि 205 रुपये की ईपीएस पर 16.1 पीई और 210 रुपये की ईपीएस पर 15.7 का पीई। कंपनी के हाल के प्रदर्शन, इसकी वृद्धि दर, भविष्य के अनुमानों और मार्जिन के आधार पर लगभग 15-16 के पीई अनुपात को अगर महँगा नहीं तो सस्ता भी नहीं कहा जा सकता है।

हाल में 6 मार्च को इन्फोसिस ने 3,850 रुपये का शिखर छू लिया था। अगर उस भाव पर इन्फोसिस का मूल्यांकन देखें तो 18-19 पीई का बनता है, जिसे स्पष्ट रूप से थोड़ा महँगा माना जा सकता है। इसलिए अब अगले कुछ महीनों के लिए 3,850 के भाव को पार कर पाना तो इन्फोसिस के शेयर के लिए मुश्किल ही लग रहा है। उससे पहले लगभग 3,400 के पास ही इसे हाल में बाधा मिलती रही है, जिसे यह आज नतीजे सामने आने के बाद पार नहीं कर पाया। लिहाजा लगभग 3,400 को एक तात्कालिक बाधा के रूप में देखा जा सकता है।

दूसरी ओर तिमाही नतीजों से ठीक पहले इसने 11 अप्रैल को 3,165 की तलहटी बनायी थी। बाजार के किसी भी उतार-चढ़ाव में इसे 3,165 के पास सहारा मिल सकता है। अगर किसी वजह से यह तलहटी टूटी तो फिर अगला बड़ा तकनीकी और मनोवैज्ञानिक सहारा 3,000 रुपये के पास होगा। Rajeev Ranjan Jha

(शेयर मंथन, 15 अप्रैल 2014)

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